रुद्रपुर(। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी 75 राम सिंह बिष्ट ने बीते बुधवार राममूर्ति मेडिकल कॉलेज भोजीपुरा, बरेली में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। वह बीमार चल रहे थे। उनकी इच्छा के अनुसार परिजनों ने उनका देहदान किया। राम सिंह बिष्ट ने महापुरुषों से प्रेरणा लेकर वर्ष 2024 में पत्र लिखकर देहदान का संकल्प लिया था। देवरिया वार्ड 2 निवासी राम सिंह बिष्ट के पिता स्व. चंद्र सिंह स्वतंत्रता सेनानी सत्याग्रही थे। पिता चंद्र सिंह ने अपना पूरा जीवन देश की आजादी में लगा दिया। वहीं माता सावित्री देवी स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही आजीवन कष्टों से जूझती रहीं। राम सिंह बिष्ट ने वर्ष 2024 में पत्र लिखकर अपनी अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए परिजनों को बताया था कि उन्होंने अपनी मृत्यु के पश्चात अपना शरीर शिक्षा चिकित्सा शोध के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी को दान कर दिया है। बिष्ट ने अपनी मृत्यु के पश्चात परिजनों को किसी तरह के क्रिया कर्म जैसे मुंडन, कफन, गाय, पिंड, श्राद्ध, बरसी आदि नहीं करने के साथ ही आवश्यक कार्य जैसे परीक्षा, इंटरव्यू को तय समय पर करने के लिए कहा था। उन्होंने लिखा कि परिजनों का दुर्व्यसन, शराब, तम्बाकू, जुआ आदि से दूर रहना ही सच्चा क्रिया कर्म, श्राद्ध और कर्मकांड होगा। राम सिंह बिष्ट किसान थे। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार परिजनों ने गुरुवार को उनका शव राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की टीम को सौंप दिया।