रामपुर में हाथी ने रौंदी धान की फसल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। सनेह क्षेत्र के रामपुर में सोमवार देर सांय हाथी ने आबादी क्षेत्र में घुसकर काश्तकारों की मेहनत से लगाई गई धान की फसल रौंद दी। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बामुश्किल हाथियों को भगाया। गांव में हाथी घुसने की सूचना के बाद ग्रामीणों ने हल्ला करके बमुश्किल मौके से हाथियों को भगाया। हाथी के आतंक से तंग आ चुके ग्रामीणों ने रामपुर सनेह क्षेत्र में सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत करने के बाद भी वन विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचते हैं।
लैंसडौन वन प्रभाग से सटे रामपुर में पिछले कई माह से हाथियों का आतंक बना हुआ है। आए दिन हाथियों का झुंड आबादी क्षेत्र में घुसकर काश्तकारों की फसल रौंद रहे हैं। काश्तकार मोहन सिंह रावत, सुर्दशन सिंह कोटनाला, सतीश नेगी, रोशनी कोटनाला, सरद नेगी ने बताया कि सोमवार सांय को करीब छ: बजे एक हाथी जंगल से निकलकर सनेह मार्ग में पहुंच गया था। देर रात हाथी मार्ग से आबादी क्षेत्र में पहुंच गया। हाथी ने मोहन सिंह रावत की दो बीघा खेत में खड़ी धान की फसल को तहस-नहस कर दिया। सतीश नेगी ने बताया कि वह पूरी रात हाथी को जंगल की ओर भगाने का प्रयास करते रहे, करीब तीन बजे हाथी जंगल की ओर गया। तब जाकर किसानों ने राहत की सांस ली। उन्होंने बताया कि कई काश्तकार पूरी रात उठकर खेती की रखवाली करने को मजबूर हैं। वन विभाग के अधिकारियों को पूर्व में कई बार अवगत कराया गया, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। विभाग की लापरवाही का खामियाजा काश्तकारों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खेती बर्बाद होने से काश्तकारों को आर्थिक परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में बनी सुरक्षा दीवार भी हाथियों को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। स्थिति यह है कि हाथी के डर से कई काश्तकारों ने खेती करना छोड़ दिया है। उन्होंने वन विभाग से हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए योजना बनाने की मांग करते हुए कहा कि काश्तकारों की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।