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रानीबाग में प्रस्तावित विद्युत शवदाह गृह मामला हाईकोर्ट पहुंचा

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने रानीबाग हल्द्वानी में प्रस्तावित विद्युत शवदाह गृह के मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता व नगर निगम के अधिवक्ता से मौका मुयाना कर 14 अक्टूबर तक स्थित से अवगत कराने को कहा है। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान नगर निगम द्वारा कोर्ट को बताया गया कि शवदाह गृह का कार्य प्रारम्भ हो गया है जबकि याचिकाकर्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वहां अभी तक एक ईंंट तक नही रखी गयी है। जिस पर कोर्ट ने दोनोंं से मौका मुआयना कर स्थिति से अवगत कराने को कहा है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में राजमाता जियारानी कत्यूरी समाज की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि रानीबाग कत्यूरी समाज का एक धर्म स्थल है जिसका जिक्र पुराणों में चित्रेश्वर नाम से दर्ज है। यही नही ब्रिटिश रिकर्ड 1847 में भी इसका नाम दर्ज है। जिसमेंं कहा गया है कि इस स्थल पर सदियों से मेला लगता आया है। परन्तु नगर निगम मन्दिर की भूमि को भी अधित कर विद्युत शवदाह गृह बनाने जा रहा है।
नगर निगम ने इसके लिए किसी समाज के व्यक्ति से राय तक नहीं ली जबकि यह भूमि मन्दिर के नाम से दर्ज है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि वरशिप आफ स्पेशल प्रोविजन एक्ट 1991 की धारा तीन के अनुसार जो भूमि जिसके लिए सुरक्षित थी उसका प्रयोग उसी के लिए किया जाएगा उसका स्वरूप नहींं बदला जा सकता है परन्तु नगर निगम मन्दिर के स्वरूप को बदलकर शवदाह गृह बना रहा है जो संविधान के अनुच्टेद 14 , 21 व 25 का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर की भूमि को छोड़कर जैसे आज तक चला आ रहा है उसी के अनुसार शवदाह गृह बनाया जाय।

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