उत्तराखंड

प्रधान पति की हत्या के आरोपी सगे भाई कोर्ट से दोषमुक्त

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

चम्पावत। प्रधान पति की हत्या के मामले में आरोपी दो सगे भाइयों को सत्र न्यायाधीश की अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त ठहराया है। अभियोजन पक्ष मौखिक कथनों के अतिरिक्त अन्य साक्ष्य नहीं जुटा सका। न्यायालय ने कहा कि साक्ष्य सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं। मामले में दोनों आरोपी ढाई साल से जेल में बंद हैं। बतादें कि मारे गए जीवन लाला की पत्नी नौलापानी गांव की प्रधान है। अभियोजन के अनुसार वादी गणेश राम, निवासी नौलापानी, तहसील पूर्णागिरि ने चल्थी चौकी में तहरीर देकर कहा था कि 14 सितंबर 2021 की रात चचेरे भाई प्रेम राम के नवजात बेटे की नामकरण पार्टी चल रही थी। किसी बात पर प्रेम राम के पुत्र कमल राम, महेश राम व तीसरे बेटे का प्रार्थी के पुत्र जीवन लाल से झगड़ा हो गया। तीनों मिलकर प्रार्थी के पुत्र को भीड़-भाड़ से दूर लेकर गए जहां उसे बुरी तरह पीटा। रात में जानकारी होने पर गंभीर रूप से घायल जीवन को उपचार के लिए पहले टनकपुर, फिर खटीमा के बाद हल्द्वानी एसटीएच ले जाया गया। घायल जीवन ने अपने पिता को तीनों आरोपियों के नाम लेकर मारपीट की बात कबूली थी। घायल जीवन लाल की दो दिन बाद अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। वादी ने मामले में कमल राम और महेश राम के खिलाफ चम्पावत कोतवाली में आइपीसी की धारा 304 में मुकदमा दर्ज कराया। प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चला। सुनवाई में तीसरे अभियुक्त का नाम आया, लेकिन उसके नाबालिग होने से न्यायालय ने उसके प्रकरण को किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया। 15 अप्रैल 2024 से नाबालिग जमानत पर है। बाद में दोनों अभियुक्त के आरोप को धारा 302 में परिवर्तित कर दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी विद्याधर जोशी और अभियुक्तों की ओर से आरएस बिष्ट ने पैरवी करते हुए दलीलें दी। सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने साक्ष्यों और गवाहों का ध्यान में रखते हुए दोनों आरोपियों को दोष मुक्त करते हुए रिहा करने का निर्णय सुनाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!