चारधाम पंजीकरण में राहत

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उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में अब राज्य सरकार की ओर से सभी श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा की गई है जिसके तहत रजिस्ट्रेशन की कोट की व्यवस्था को समाप्त करते हुए श्रद्धालुओं के लिए यह व्यवस्था की गई है कि वह स्वयं काउंटर पर उपस्थित होकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। राज्य सरकार का यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि यात्रा शुरू होने के बाद रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाडा भी सामने आया था जिसमें उत्तराखंड से लेकर दूसरे राज्यों की ट्रैवलिंग एजेंसीयों ने भारी धांधलियां करते हुए श्रद्धालुओं को न केवल ठगा बल्कि उनकी इन हरकतों के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। नई व्यवस्था के तहत अब देश-विदेश के सभी श्रद्धालु ऋषिकेश और हरिद्वार स्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर में खुद उपस्थित होकर सीधे रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकते हैं। जून मध्यान्ह में भीषण गर्मी के कारण एकाएक श्रद्धालुओं की संख्या में भी कमी देखने को मिली है और इसके बाद रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी दबाव कम हुआ है। खुद अपने स्तर पर चार धाम यात्रा की मॉनीटरिंग कर रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं की संख्या कम होने पर ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन के कोटे को समाप्त करने के निर्देश दिए थे। इस वर्ष चुनाव के बावजूद उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की संख्या दर्ज की गई थी जिसके कारण न केवल प्रारंभिक तौर पर व्यवस्थाएं बिगड़ती देखी गई बल्कि पंजीकरण के बावजूद भी श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ा। यही नहीं रजिस्ट्रेशन के नाम पर फर्जीबाड़े ने भी राज्य सरकार व सुरक्षा एजेंसी के कान खड़े कर दिए थे। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान एक महीने में 12,35,517 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस वर्ष 19,64,912 श्रद्धालु दर्शन के आ चुके हैं। चुंकी भीषण गर्मी का प्रकोप मैदानी क्षेत्र से लेकर पहाड़ों में अपना तांडव फैला रहा है लिहाजा इन परिस्थितियों में चार धाम यात्रा मार्ग पर भी दबाव थोड़ा कम हुआ है हालांकि कुछ मौसम ठीक होने के बाद फिर तेजी आने की उम्मीद है लेकिन मानसून भी लगभग दस्तक देने की कगार पर है और इन परिस्थितियों में पूरे मानसून के दौरान यात्रा मार्ग पर अधिक चहलपहल नजर नहीं आएगी। राज्य सरकार भी भारीबारिश के दौरान यात्रा से बचने की सलाह देती है। यात्रियों की संख्या में कमी होने के बावजूद उत्तराखंड राज्य सरकार अपनी व्यवस्था में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है और चार धाम यात्रा के लिए लगाई गई व्यवस्था बदस्तूर जारी हैं। इन संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा रहा है कि यदि मैदानी क्षेत्रों में जल्द मौसम में थोड़ी भी तब्दीली देखने को मिलती है तो एकाएक श्रद्धालुओं का रुझान चार धाम की ओर देखने को मिल सकता है। यही कारणहै कि जहां एक तरफ पंजीकरण की व्यवस्था में राहत दी गई है तो वहींदूसरी ओर व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कमी सरकार अभी नहीं होने देगी।

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