दंगा करने के मामले में 108 कर्मियों को राहत
नैनीताल। हाईकोर्ट ने आपातकालीन 108 सेवा में कार्यरत 11 कर्मियों द्वारा दंगा फसाद करने के आरोप संबंधी मामले में सुनवाई करते हुए निचली अदालत द्वारा जारी सम्मन आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के लिए 29 मार्च की तिथि नियत की गई है। सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई।
वर्ष 2019 में कर्मचारियों द्वारा 108 की सेवा किसी दूसरी कम्पनी को दिए जाने के मामले में हड़ताल की थी। दूसरी कम्पनी द्वारा पूर्व में सेवारत कर्मियों को हटा दिया था तथा उनकी जगह दूसरे लोगों से सस्ते में सेवा ली गई। 108 के कर्मचारियों द्वारा इसका विरोध किया गया। इसी दौरान 11 कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा शांति भंग करने के मामले में आईपीसी की धारा 14, 282 और 341 तहत मुकदमे दर्ज कर चार्जशीट निचली अदालत में पेश की। निचली अदालत ने उनके खिलाफ शान्ति भंग करने के मामले में सम्मन जारी कर दिया।
याची का कहना है कि 28 मई 2019 को लगभग 608 कर्मियों द्वारा शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व की उपस्थित में सचिवालय कूच का आयोजन किया गया था। जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, किशोर उपाध्याय, सूर्यकांत धस्माना भी शामिल हुए थे। लेकिन जब कानूनी कार्रवाई करने की बात सामने आई तो स्थानीय पुलिस द्वारा 108 कार्मिकों के शीर्ष नेताओं को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ मुकदमा पंजीत कर दिया और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। इस चार्जशीट को उनके द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।