जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राजकीय इंटर कॉलेज चाक्यूसैंण में आयोजित कार्यशाला के चौथे दिन बच्चों को अंधविश्वास को छोड़ विज्ञान को समझने की सीख दी गई। इस दौरान जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में भी बताया गया।
बाल साहित्य संस्थान अल्मोडा की ओर से आयोजित कार्यशाला के चौथे दिन विज्ञान के पहलुओं के बारे में बताया गया। राजकीय इंटर कालेज किनसुर के विज्ञान प्रवक्ता महेंद्र सिंह राणा ने कहा कि अमुक नदी या पेड़ के नीचे भूत होता है। इस बात को बगैर सोचे समझे आंख मूंदकर स्वीकार कर लेना अंधविश्वास है। पेड़ के नीचे या नदी पर भूत के बारे में कहां, कौन, कैसे, क्या आदि तर्क वितर्क करके मामले की खोज करना वैज्ञानिक सोच या वैज्ञानिक दृष्टिकोण कहा जाएगा। पहले जानो फिर मानो’ के सिद्धांत के आधार पर किसी भी विषय पर क्या, क्यों, कैसे जैसे तर्क वितर्क करना विज्ञान हमें सिखाता है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां पीपल के पेड़ को काटना पाप माना गया है। इसके पीछे वैज्ञानिक अवधारणा है कि पीपल का पेड़ हमें सबसे अधिक आक्सीजन देता है। उन्होंने कहा कि हरेला आदि पारंपरिक त्यौहार भी कहीं न कहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं। राजकीय इंटर कालेज चाक्यूसैंण के प्रधानाचार्य जगमोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि हमें कक्षा में चुप नहीं बैठना है। हमें अपने शिक्षक से अपने सवाल पर तर्क वितर्क करना सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भी बच्चों को सवाल पूछने व उन्हें अभिव्यक्ति का अवसर दिया जाना है। बाल प्रहरी संपादक उदय किरौला, महेंद्र सिंह राणा, सुरेंद्र सिंह रावत, विवेक डबराल, राकेश तिवाड़ी, आबिद अहमद, पंकज सिंह रावत ने बाल कवि सम्मेलन, नुक्कड नाटक व समूह गीत अलग-अलग समूहों में बतौर संदर्भदाता बच्चों का मार्गदर्शन किया।