जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कर्मवीर जयानंद भारतीय स्मृति पुस्तकालय में मुंशी हरिप्रसाद टम्टा की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सदस्यों ने मुंशी हरिप्रसाद टम्टा के योगदान को याद करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
आयोजित कार्यक्रम में सदस्यों ने मुंशी हरिप्रसाद टम्टा के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने कहा कि मुंशी हरि प्रसाद टम्टा ने सौ वर्ष पहले प्रदेश के मूल निवासी शिल्पकार समाज के लाखों लोगों के मूल अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने शिल्पकार समाज के लोगों को हजारों एकड़ जमीन दिलाकर उन्हें भूमिधरी अधिकार दिलाए। उन्होंने शिक्षा, रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया। कहा कि मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के नेतृत्व में 24-25 सितंबर 1925 को उत्तराखंड के शिल्पकार समाज के आर्थिक, सामाजिक राजनीतिक अधिकारों के लिए अल्मोड़ा में विशाल ऐतिहासिक धोलीडांडा सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसमें शिल्पकारों के मानवीय अधिकारों से जुड़े 21 प्रस्ताव अंग्रेज सरकार को भेजे गए। इस मौके पर जयदेव सिंह, मनवर लाल भारती, केसीराम निराला, विनोद कुमार, आशीष खेतवाल, हर्ष कुमार, संगीता आर्य अनुज चौधरी मौजूद रहे।