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धामी की धूम पेज से मेरे खिलाफ हो रहा दुष्प्रचार, पोस्ट हटाएं, माफी मांगे, वरना कराएंगे एफआईआर : हरीश रावत

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नैनीताल, एजेंसी। उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में पार्टी और लालकुआं सीट पर खुद की हार से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस समय सवालों के घेरे के घेरे में हैं। हालांकि उन्होंने हार की जिम्मेदारी ले ली है और त्यागपत्र तक देने की बात भी कह चुके हैं। मीडिया के सवालों का मुखर होकर जवाब दे रहे हैं। वहीं अब हरदा ने सोशल मीडिया पर खुद के खिलाफ दुष्प्रचार को लेकर बड़ा कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने एक पोस्ट लिखते हुए कहा है कि धामी की धूम के नाम से बने पेज पर मुस्लिम विवि की बात को लेकर उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। हरीश रावत ने चेतावनी देते हुए लिखा है कि यदि शाम तक पेज के एडमिन ने माफी नहीं मांगी, तो मुझे मजबूरन एफआई दर्ज करानी पड़ेगी।
हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री के नाम पर धामी की धूम नाम के पेज का संचालन भाजपा की सोशल मीडिया विंग से किया जा रहा है। उसमें एक जाली खबर, पता नहीं वह अखबार कहीं से प्रकाशित है भी या नहीं है! उसमें मेरे बयान का उल्लेख करके मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी, हेडिंग लगाई गई है। उसके साथ मुझे मुस्लिमबाना पहनाकर प्रचारित किया जा रहा है। यह उतना ही गहरा षड़यंत्र है जिस तरीके का गहरा षड़यंत्र 2017 में शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए टुट्टी करने का आदेश प्रचारित-प्रसारित किया गया था।
हरदा ने लिखा कि इस षड़यंत्र की जांच के लिए मैं उत्तराखंड से प्रार्थना करना चाहूंगा कि यदि मैंने ऐसा बयान दिया है तो फिर मुझे सार्वजनिक रूप से प्रताड़ना मिलनी चाहिए। जबकि भाजपा ने मेरे ऊपर यह बयान थोपा है, लोगों के मन को विषाक्त करने के लिए, चुनाव के अंदर हार को जीत में प्रणित करने के लिए, उत्तराखंड को हिंदू-मुसलमान के नाम पर बांटने के लिए़.़ किया जा रहा है तो फिर उत्तराखंड को ऐसी ताकतों को दंडित करना चाहिए।
क्या हरीश रावत इतना मूर्ख है! जिस व्यक्ति के नाम पर कहा जा रहा है कि उसने मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग की है, उस व्यक्ति को अखबारों में सारी आलोचनाएं छपने के बाद मैं अपनी बेटी के चुनाव क्षेत्र हरिद्वार ग्रामीण जहां पहले से ही भावनाओं को उद्वेलित करने वाले लोग मौजूद हैं, वहां उनको पर्यवेक्षक बनाकर के भेजूंगा? और जरा उस व्यक्ति से मेरे संबंध को भी तो ढूंढिए! क्या उस व्यक्ति को सचिव मैंने बनाया! क्या मैंने उसको महामंत्री बनाया! क्या मैंने उसको पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया! क्या मैंने उसको चुनाव के अंदर उम्मीदवारी में समर्थन किया! यह गहरा षड्यंत्र है, हरीश रावत को राजनीति से हटाने का, हरीश रावत की राजनीति को समाप्त करने का, मैं ऐसे षड्यंत्र के खिलाफ लडूंगा।

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