जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीजीआर परिसर में संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शनिवार को सारगर्भित अकादमिक विमर्श एवं सार्थक संवाद के साथ सेमिनार संपन्न हो गया है। सेमिनार ने भारतीय संस्कृति के मूल्यों की वैज्ञानिकता, दार्शनिकता एवं आधुनिक समाज में उनकी महत्ता को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
परिसर में आयोजित सेमिनार के दूसरे दिन की शुरुआत तकनीकी सत्रों के साथ हुई। इनमें शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। इन शोध पत्रों में भारतीय संस्कृति में निहित मौलिक मूल्यों, उनकी प्रासंगिकता, समाज और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका पर गहन चर्चा की गई। विद्वानों एवं शोधार्थियों के विचार-विमर्श ने संगोष्ठी को एक बौद्धिक ऊंचाई प्रदान की। सेमिनार के समापन सत्र में अध्यक्ष एवं अतिथियों ने संगोष्ठी के प्रमुख निष्कर्षों पर चर्चा की। भारतीय संस्कृति के विविध पहलुओं पर प्रस्तुत शोध पत्रों एवं विद्वानों के विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. जेके गोदियाल, परिसर निदेशक प्रो. यूसी गैरोला, प्रो. अनूप डोबरियाल, कुसुम डोबरियाल, दिनेश चंद्र पांडेय आदि शामिल रहे।