उत्तरकाशी। जिले के आपदा प्रभावित गांव में आपदा के छह माह बाद भी सीएम की घोषणा के अनुरूप पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाए। प्रभावित गांव में आज भी सुरक्षा दीवार, पुल, नहरें, रास्ते और पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त पड़ी हैं। प्रभावित गांव की सुध न लेने पर स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। बता दें कि गत 18 जुलाई 2021 को अतिवृष्टि व बादल फटने से जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित मांडो, जसपुर, निराकोट, कुरोली, कंकराड़ी, सिरोर, मुस्टिकसौड़ आदि गांव बुरी तरह प्रभावित होकर रह गए थे। इस आपदा में जहां एक बच्ची समेत तीन लोगों की जान चली गई वहीं दर्जनों पैदल रास्ते, सड़कें, पुल, नहर, पेयजल, विद्युत लाइन के साथ ही कई एकड़ उपजाऊ जमीन भी आपदा की भेंट चढ़ गई थी। स्थिति से निपटने के लिये प्रशासन की ओर से इस दौरान हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सभी व्यवस्था सुचारू कर दी गई और प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि भी प्रदान की गई, लेकिन क्षतिग्रस्त परिसंपतियों के पुननिर्माण में सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जबकि सीएम स्वयं प्रभावित गांवों का जायजा लेने यहां पहुंचे थे। सरकार ने कहा कि जिनके भवन क्षतिग्रस्त हैं उनका किराया दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उधर, आपदा से प्रभावित मांडो गांव में बीते 15 दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी है। जिससे लोग खासे परेशान हैं। फिलहाल ग्रामीणों ने डीएम से मिलकर समाधान की गुहार लगाई है। डीएम मयूर दीक्षित का कहना है कि प्रभावित गांवों में जरूरी सुविधाओं की बहाली के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।