खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटी, मार्च में थी 5़52 फीसदी
नई दिल्ली, एजेंसी। औद्योगिक उत्पादन कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च से प्रभावित है। उस समय इसमें 18़7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं पिछले साल फरवरी में इसमें 5़2 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई थी। कोरोना महामारी के दौर में देश में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में कम होकर 4़29 प्रतिशत रही है। जबिक मार्च में यह 5़52 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में यह बात कही गई है।
रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक अप्रैल में खाद्य क्षेत्र में खुदरा मुद्रास्फीति मार्च के 4़87 प्रतिशत से घटकर 2़02 प्रतिशत रही।
आईसीआरए की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल 2020 में देशव्यापी लकडाउन के दौरान आपूर्ति बाधाओं के चलते सूचकांक का आधार ऊंचा रहा, उसे देखते हुए अप्रैल 2021 में सीपीआई मूद्रास्फीति तीन महीने के सबसे कम स्तर पर चली गई। हालांकि यह आंकड़ा भी उम्मीद से ऊंचा ही लगता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुल मिलाकर स्थानीय स्तर पर लगे प्रतिबंधों का कीमतों पर सीमित असर रहा है।
देश के औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में एक साल पहले के मुकाबले 22़4 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बुधवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन मार्च 2021 में 25़8 प्रतिशत बढ़ा।
खनन उत्पादन में आलोच्य महीने में 6़1 प्रतिशत जबकि बिजली उत्पादन में 22़5 प्रतिशत की वृद्घि हुई। आईआईपी में पिछले साल मार्च में 18़7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं पिछले पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आईआईपी में 8़6 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि 2019-20 में इसमें 0़8 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।
औद्योगिक उत्पादन कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च से प्रभावित है। उस समय इसमें 18़7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं पिछले साल फरवरी में इसमें 5़2 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई थी।