विकासनगर। खतौनियों में अंश निर्धारण का काम सौंपने और राजस्व निरीक्षकों का पूरा काम नियमित पुलिस को सौंपने के विरोध में पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उपनिरीक्षक और राजस्व सेवक संघ ने दो दिवसीय कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया है। मंगलवार को संघ से जुड़े निरीक्षक, उपनिरीक्षकों ने कालसी तहसील में धरना देकर प्रदर्शन किया। कार्यबहिष्कार के कारण तीनों तहसीलों में लोगों के जाति, आय, मूल निवास प्रमाण नहीं बना पाए। साथ ही भूमि से संबंधित कार्य भी नहीं हो पाए। आज भी निरीक्षक और उपनिरीक्षण कार्यबहिष्कार पर रहेंगे। राजस्व निरीक्षक और उपनिरीक्षकों का कहना है कि सरकार ने उपनिरीक्षकों को खतौनियों में अंश निर्धारण का काम सौंप दिया है, जबकि यह काम पहले एसडीएम कोर्ट करता था। साथ ही एक आदेश जारी कर जाति और आय प्रमाण-पत्र का काम भी उन्हें सौंप दिया गया है। पहले यह कार्य संग्रह अमीनों का था। काम तो उन्हें अतिरिक्त सौंप दिए गए हैं, लेकिन संसाधन उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इसके साथ ही राजस्व पुलिस का सारा काम नियमित पुलिस को सौंप दिया गया है। पहले अतिरिक्त क्षेत्र का काम देखने पर एक पीआरडी जवान की सुविधा थी, लेकिन अब वह भी नहीं दी जा रही है। उधर, तहसील आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। तहसील में जाति और आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहुंचे लोगों को बिना कार्य के ही वापस लौटना पड़ा। भूलेख से संबंधित कामकाज ठप होने से भी लोगों को दुश्वारियां झेलनी पड़ी। तहसील क्षेत्र के दूरदराज से पहुंचे लोगों को बिना काम के ही बैरंग लौटना पड़ा। राजस्व निरीक्षकों के हड़ताल से खसरा तैयार करने, नामांतरण दर्ज कराने, पैमाइश करने, बंटवारा प्रस्ताव बनाने, आईजीआरएस, हैसियत प्रमाण पत्रों की जांच करने आदि का काम भी ठप रहा। उधर, पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ के अध्यक्ष जायालाल शर्मा ने कहा कि बुधवार को भी कार्यबहिष्कार जारी रहेगा। अगर उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं होती है तो आगे बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान अखिलेश कुमार, वंदना भंडारी, अनिल सिंह, दीपक कौशल, मनोज कुमार, प्रदीप सिंह, श्याम सिंह तोमर, सुखदेव जिनाटा, सुगंधा, देवेंद्र रावत आदि मौजूद रहे।