जन औषधि केंद्रों का राजस्व 100 करोड़ के पार
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार की ओर से संचालित जन औषधि केंद्रों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। मई में इन केंद्रों का कुल राजस्व 100 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इन केंद्रों पर 1600 प्रकार की जेनेरिक दवाएं, 250 प्रकार के सर्जिकल उत्पाद, पौष्टिक औषधीय उत्पाद, आयुष उत्पाद और सुविधा सैनेट्री पैड मिलते हैं।
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की शुरुआत 2014-15 में आठ करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर के साथ हुई थी। इस साल मई में इन केंद्रों की कुल बिक्री 100 करोड़ रुपये से ज्यादा रही है। इससे नागरिकों को करीब 600 करोड़ रुपये की बचत हुई है। पिछले साल मई में जन औषधि केंद्रों की कुल बिक्री 83़77 करोड़ रुपये रही थी।
आम लोगों को किफायती दर पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या 10 हजार तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। अभी देश के 739 जिलों में 8,735 जन औषधि केंद्रों का संचालन हो रहा है। पीएमबीजेपी के संचालन की जिम्मेदारी फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो आफ इंडिया (पीएमबीआइ) के पास है।
वहीं, दूसरी ओर देश में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 18 हजार के करीब पहुंच गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में 185 की वृद्घि हुई है और इनकी संख्या 17,883 पर पहुंच गई है जो कुल मामलों का 0़04 प्रतिशत है। इस दौरान 2,338 नए मामले मिले हैं और 19 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 17 मौतें अकेले केरल से हैं।
कोरोना के मामलों का दैनिक संक्रमण दर 0़64 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 0़61 प्रतिशत है। मरीजों के उबरने की दर 98़74 प्रतिशत और मृत्युदर 1़22 प्रतिशत पर बरकरार है।
कोविन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 193़3 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। इनमें 101़14 करोड़ पहली, 88़90 करोड़ दूसरी और 3़38 करोड़ सतर्कता डोज शामिल हैं।