– कहा , बगैर संसाधन व जानकारी के कैसे होगी डिजिटल पडताल
पिथौरागढ़। राजस्व उपनिरीक्षकों ने एग्रीस्टेक योजना में डिजिटल पडताल का विरोध किया है। उनका कहना है कि डिजिटल पडताल में किसान व फसल का ब्यौरा दिया जाना है और किसानों ने अपनी फसल लगभग काट दी है। खरीफ की 90 प्रतिशत फसल कटने के बाद अब डिजिटल पडताल होना संभव नहीं है। प्राइवेट सर्वेयरों के माध्यम से डिजिटल पडताल कराने को लेकर शासन को पत्र भेजा है। राजस्व निरीक्षक,राजस्व उपनिरीक्षक व राजस्व सेवक संघ ने डिजिटल पड़ताल का विरोध किया है। राजस्व कर्मियों का कहना है कि सीमांत में मोबाइल नेटवर्क व इंटरनेट कनेक्टविटी की समस्या है। डिजिटल पडताल के लिए न ही इस संबध में कोई तकनीकी ज्ञान है और न कोई प्रशिक्षण दिया गया है। आपदा के साथ वह चुनाव संबधित कार्यों को कर रहे हैं। बिना किसी संसाधन,प्रशिक्षण व सहयोगी कर्मी के बिना डिजिटल पडताल किया जाना संभव नहीं है। राजस्व उपनिरीक्षकों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल पडताल के लिए प्राइवेट सर्वेयरों की नियुक्ति की गई है। प्रदेश में उच्च अधिकारियों की ओर से डिजिटल पडताल करने का दबाव बनाया जा रहा है। पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक व राजस्व सेवक संघ के जिलाध्यक्ष उदय भंडारी व महासचिव सूर्य प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि इस संबध में जिलाधिकारी को पत्र भी दिया गया है। प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।