गुलदार से निजात की मांग, बंद रहा रिखणीखाल बाजार
प्रखंड रिखणीखाल में 19 अगस्त को गुलदार ने बालक को बनाया था निवाला
लगातार हो रही घटनाओं के विरोध में ग्रामीणों ने किया चक्काजाम व बाजार बंद
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : रिखणीखाल प्रखंड में लगातार बढ़ी रही गुलदार के हमलों की घटना पर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को ग्रामीणों ने रिखणीखाल, देवियोंखाल, ढाबखाल, कोटड़ीसैंण बाजार पूर्ण रूप से बंद रखते हुए क्षेत्र में वाहनों का चक्काजाम भी किया। ग्रामीणों ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही गुलदार ने पांच वर्षीय बालक को अपना निवाला बना दिया है। जंगली जानवरों के हमलों को रोकने के लिए सरकार गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने गुलदार व जंगली जानवरों से निजात के लिए योजना तैयार करने की मांग की है।
मंगलवार को ग्रामीण देवियोंखाल स्थित बैंड के समीप एकत्रित हुए। यहां से धरना-प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। बताया कि 19 अगस्त कोटा गांव में गुलदार ने पांच वर्षीय बालक को अपना निवाला बना दिया था। वन विभाग व प्रशासन ने बालक के शव को तुरंत पोस्टमार्टम के लिए कोटद्वार भेज दिया। बताया कि भले ही वन विभाग ने सोमवार को क्षेत्र से एक गुलदार को कैद किया हो। लेकिन, क्षेत्र में अब भी गुलदार घूमते हुए नजर आ रहे हैं। सोमवार देर रात गुलदार ने सिनाला गांव में मनवर सिंह के दो बछड़ों को अपना निवाला बना दिया। वहीं, मंगलवार को भी ग्रामीणों को गुलदार गांव के आसपास घूमता हुआ दिखाई दिया। ऐसे में ग्रामीणों को हर समय जान का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि ब्लाक में रेंज कार्यालय खोला जाना चाहिए। मानव को निवाला बनाने वाले गुलदार को नरभक्षी घोषित करने के लिए अधिनियम बनाया जाए। पीड़ित स्वजनों को सरकारी नौकरी का प्राविधान किए जाए, गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में समस्त पैदल मार्गों पर झाड़ी कटान किया जाए। प्रखंड रिखणीखाल क्षेत्र के बाजारों में स्ट्रीट लाइटें लगवाई जाए। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। इस मौके पर ग्राम प्रधान प्रमोद रावत, मानेंद्र सिंह, मनोज रावत, मोहन सिंह नेगी, आदि मौजूद रहे।