ऋषिकेश। शहर में अतिक्रमण सड़कों का दम घोट रहा है, जिससे न सिर्फ लोगों को वाहन, बल्कि पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। एम्स जैसे संवेदनशील स्वास्थ्य संस्थान को जाने वाली सड़क को भी अतिक्रमणकारियों ने नहीं छोड़ा है। पहले से ही संकरी सड़क के दोनों किनारों पर अतिक्रमण से ट्रैफिक फंस रहा है, जिसमें कई दफा गंभीर किस्म के मरीजों को भी एंबुलेंस में स्लो ट्रैफिक की वजह से जूझना पड़ रहा है। सिर्फ एम्स संपर्क मार्ग ही नहीं, हैवी ट्रैफिक वाला हरिद्वार बाईपास मार्ग भी इसी तरह की घेरबाड़ की जद में है। यहां योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के बाहर तीन दर्जन से ज्यादा ठेली, रेहड़ी सड़क की जड़ में खड़ी की जा रही है, जिससे स्टेशन के बाहर सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति बन रही है। भारी वाहनों और बसों की आवाजाही के चलते यहां संकरे बाईपास पर अतिक्रमण की वजह से लोगों की जान को भी खतरा बना हुआ है। पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और पुलिस अधिकारी हर दिन इन सड़कों से ही गुजर रहे हैं, मगर उन्हें यह अतिक्रमण नजर नहीं आ रहा है, जबकि एम्स में बाकायदा पुलिस की चौकी है, जिससे कुछ मीटर की दूरी पर ही अतिक्रमण पसरा हुआ है। हैरानी यह भी है कि एम्स परिसर की जड़ में शिवाजीनगर तिराहे पर 50 मीटर के एरिया को जीरो-जोन बनाया गया है। बावजूद, यहां वाहनों की पार्किंग से लेकर ठेली-रेहड़ियों की भरमार दिख रहा है। इन ठेली और रेहड़ी संचालकों में आए दिन जगह लेकर विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। अब चार टीमों का हुआ गठन नगर निगम प्रशासन ने शहर में अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक कार्रवाई का दावा किया है, जिसमें नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने चार टीमों का गठन भी कर दिया है, जिसमें निगम के अधिशासी अभियंता से लेकर सहायक नगर आयुक्तों व सफाई निरीक्षकों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रशासन और पुलिस से भी 30 अगस्त से प्रारंभ होने वाली अतिक्रमण विरोधी अभियान में सहयोग के लिए पत्र जारी किया गया है। मालूम हो कि, इससे पहले भी इस तरह की कवायद हो चुकी है, जिसका हासिल अतिक्रमण मुक्त सड़कों के रूप में आजतक नहीं हो पाया है।
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नगर निगम प्रशासन सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई करने जा रहा है, जिसके लिए टीमों का गठन भी कर दिया गया है। इसमें पीडब्ल्यूडी, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को भी सहयोग के रूप में शामिल किया जा रहा है। पूरी कोशिश है कि शहर में लोगों को चलने के लिए खुली और अतिक्रमण मुक्त सड़कें मिल सकें। – गोपाल राम बिनवाल, नगर आयुक्त