पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ महायोजना के रिवर फ्रंट कार्य को रोक गया

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चमोली()। प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ महायोजना में अलकनंदा नदी किनारे चल रहे रिवर फ्रंट के कार्यों को फिलहाल रोक दिया गया है। यह रोक बदरीनाथ मंदिर के ठीक नीचे तप्त कुंड से लेकर ब्रह्मकपाट तीर्थ तक चल रहे कार्यों पर है। अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के विशेषज्ञ अलकनंदा के मूल स्वरूप के प्रवाह का अध्ययन कर रहे हैं। रिवर फ्रंट की मौजूदा कार्ययोजना से तप्त कुंड के गरम पानी के स्रोत के दिशा बदलने की आशंका है। विशेषज्ञ इस पर भी अध्ययन कर रहे हैं कि नदी के रुख से छेड़छाड़ से तप्त कुंड या धाम को नुकसान तो नहीं होगा।
रिवर फ्रंट के तहत बामणी गांव के पास अलकनंदा नदी किनारे खाक चौक आश्रम से 300 मीटर दूर तक निर्माण कार्य चल रहा है। मानसून के दौरान तप्त कुंड व नारद कुंड के ठीक नीचे पुरानी सुरक्षा दीवार गिर गई थी और ब्रह्मकपाल क्षेत्र में पानी भर गया था। इससे निर्माण कार्य कर रही लोक निर्माण विभाग की प्रोजेक्ट इंप्लीमेंट यूनिट की चिंताएं बढ़ गई थीं। इस कारण रिवर फ्रंट के कार्य को फिलहाल रोका गया है। रिवर फ्रंट टू नाम देकर इस मामले को पीएमओ को भेजा गया है। नई कार्ययोजना को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही यहां पर कार्य करने की रणनीति बनाई जा रही है।
परियोजना प्रबंधक व लोक निर्माण विभाग पीआइयू बदरीनाथ के अधीशासी अभियंता योगेश मनराल के अनुसार, मंदिर के नीचे रिवर फ्रंट के कार्यों को लेकर विशेषज्ञ अध्ययन कर रहे हैं। नारद शिला, नारद कुंड के साथ आसपास के धार्मिक महत्व के स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। रिवर फ्रंट के कार्यों के दौरान अलकनंदा के मूल स्वरूप से किसी प्रकार की छेड़खानी नहीं की जा रही है।
बदरीनाथ महायोजना: वर्ष 2014 में मोदी सरकार ने इस महायोजना का खाका खींचा था। वर्ष 2022 में शुरू हुई इस महायोजना के तहत पहले चरण में सड़कों का विस्तार, एराइवल प्लाजा व सिविक एमेनिटी सेंटर निर्माण, बदरीश और शेषनेत्र झील का सुंदरीकरण हुआ था। दूसरे चरण में रिवर फ्रंट और अस्पताल, लूप रोड का निर्माण कार्य किया गया है। इस योजना में 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। अब तक लगभग 200 करोड़ की धनराशि खर्च की जा चुकी है। रिवर फ्रंट के कार्यों में नदी किनारे ईवी ट्रेक का निर्माण कार्य भी चल रहा है। अंतिम चरण में मंदिर के आसपास 75 मीटर रेडियस में सुंदरीकरण का काम होना है। इसके लिए 72 भवनों को हटाया जाना है। अभी 22 भवन स्वामियों ने भवन खाली नहीं किए हैं।
नारद कुंड, तप्त कुंड के निचले क्षेत्र में रिवर फ्रंट की कार्ययोजना को लेकर पीएमओ स्तर पर मंथन चल रहा है। अब यहां नई कार्ययोजना के अनुसार ही कार्य होगा। तब तक निर्माण एजेंसी को अन्य कार्यों को त्वरित गति से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जो कार्य पूरे हो गए हैं, उन्हें संबंधित विभाग को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है। – आनंद बर्धन, मुख्य सचिव, उत्तराखंड

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