रोडवेज के राजकीयकरण की मांग उठाई
देहरादून। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने परिवहन निगम का राजकीयकरण या 500 करोड़ रुपये का अनुदान देने की मांग उठाई है। परिषद ने इसके लिए मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, परिवहन निगम बोर्ड के निदेशक और प्रबंध निदेशक रोडवेज को पत्र भेजा है। पत्र में रोडवेज के घाटे के कारण बताने के साथ ही सुधार के लिए सुझाव भी दिए। प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने पत्र में बताया कि रोडवेज की हालत बदत्तर है। रोडवेज कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। करोड़ों रुपये का घाटा चल रहा है। इसके लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। कर्मचारी पूरी कर्तव्यनिष्ठता के साथ काम कर रहे हैं। यदि कोई कर्मचारी लापरवाही करता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पत्र में घाटे के कारण भी बताए गए। बताया कि राष्ट्रीयकृत रूटों पर निजी वाहनों का अनाधिकृत संचालन, रोडवेज प्रबंधन में उच्च स्तर पर नियुक्तियां एक निश्चित अवधि के लिए नहीं होना, बसों के अनुरक्षण और रखरखाव का अभाव, कार्यशालाओं में कलपुर्जों की कमी, निगम के संसाधनों का दुरुपयोग और व्यक्तिगत उपयोग आदि प्रमुख कारण हैं। परिषद ने सुधार के लिए हरियाणा और आंध्रप्रदेश की भांति उत्तराखंड रोडवेज को राजकीय रोडवेज घोषित करने, ठेका और संविदा समाप्त कर लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने की जरूरत बताई।