मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा को समन जारी, 28 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश

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नई दिल्ली,। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में वाड्रा को समन जारी किया है. स्पेशल जज सुशांत चंगोट्रा ने वाड्रा को 28 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने वाड्रा को समन जारी करने के मामले में 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि 17 जुलाई को ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ हरियाणा के शिकोहपुर भूमि से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. इसमें वाड्रा और 10 अन्य लोगों के नाम हैं. उनकी कंपनी, मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी शामिल है. ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी की 37.64 करोड़ की 43 संपत्तियों को मनी लाऊंड्रिंग के मामले में जब्त किया है.
इस मामले की शुरुआत 2008 में हुई थी. गुरुग्राम के शिकोहपुर में जमीन का सौदा हुआ था. स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने साढ़े तीन एकड़ जमीन मात्र साढ़े सात करोड़ रुपये में खरीदी थी. वाड्रा इस कंपनी में डायरेक्टर थे. यह जमीन ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज से खरीदी गई थी. इस जमीन का मालिकाना हक सिर्फ 24 घंटे में ही वाड्रा की कंपनी के नाम पर हो गया.
कोर्ट के सामने ईडी ने तर्क दिया कि लाइसेंस की फाइलों को जल्दबाजी में निपटायाा गया और वित्तीय क्षमता की जांच नहीं की गई. लाइसेंस अनुचित प्रभाव और पूर्व-आवश्यकताओं को दरकिनार करके प्राप्त किया गया. ईडी ने वाणिज्यिक लाइसेंस जारी करने के लिए ज़िम्मेदार सरकारी अधिकारियों के बयान भी पेश किए.कंपनी ने चार स्तर पर पैसे लिए.
स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2012 में वही जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी. इससे कंपनी को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ. इस मामले में 2018 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. ईडी ने कोर्ट में कहा कि जांच में पता चला है कि वाड्रा की कंपनी को 42.62 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है, जो दिल्ली में स्तरीकृत थे, जिसके कारण इस न्यायालय का अधिकार क्षेत्र समाप्त हो गया.
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