जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कुम्भीचौड़ शिव मंदिर में कलश स्थापना के साथ श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का श्री गणेश हो गया है। पहने दिन भक्तों को भागवत के महात्म्य के बारे में बताया गया।
भागवत महापुराण का शुभारंभ वैदिक मंत्रों से किया गया। गोसेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेन्द्र अंथवाल, पार्षद अनिल रावत के हाथों कलश स्थापना की गई। कथा का वचन करते हुए आचार्य रोहित लखेड़ा ने कहा कि श्रीमद भागवत भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरूप है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपना शरीर अन्तध्र्यान करते हुए कहा था कि मेरा तेज भागवत के रूप में सदैव धरती पर मौजूद रहेगा। भागवत पुराण कथा को श्रवण करने वाले भक्त निश्चित रूप से मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं। जिस प्रकार राजा परीक्षित श्राप से मुक्त हो गए, उसी तरह अनेकानेक राक्षस और पापी भी उस परमात्मा की कृपा से पाप मुक्त हो जाते हैं। कहा कि संसार में सबसे बड़ा बुद्धिमान व चतुर इंसान वहीं है जो मृत्यु होने के पूर्व ही आत्म ज्ञान प्राप्त कर लेता है। भागवत मनुष्य के मन से मृत्यु का भय मिटा देती है। कहा कि भागवत श्रवण करने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते है। इस मौके पर आचार्य राकेश लखेड़ा, शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष महानन्द ध्यानी, कोषाध्यक्ष विक्रम जोशी, त्रिलोक सिंह, किसान अधिकारी आदि मौजूद रहे।