रसोई गैस की सब्सिडी के लिए 42,000 करोड़ रुपये मंजूर, मोदी कैबिनेट में कई फैसलों पर मुहर

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नई दिल्ली ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए जिनमें मुख्य रूप से 52,667 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी देना शामिल है। इस पैकेज में रुक्कत्र, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष जोर दिया गया है। सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को मजबूत करने के लिए 12,060 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। केंद्र सरकार ने मौजूदा केन्द्रीय योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर के असम तथा त्रिपुरा के विशेष विकास पैकेज के तहत 4,250 करोड़ रुपये की मदद का निर्णय लिया है। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि 2450 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ चार नए घटकों को मंजूरी दी गई है। यह योजना विशेष रूप से पूर्वोत्तर के असम और त्रिपुरा पर केंद्रित है और इसका मकसद वहां विभिन्न माध्यमों से समानता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार असम के आदिवासी समूहों के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन-एमओएस के अनुसार असम के आदिवासी बहुल गाँवों तथा क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये देगी। असम के दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी, दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल समूहों के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार उसे नेशनल लिबरेशन आर्मी या दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल के उत्तरी कैचर हिल्स स्वायत्त परिषद क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये दिये जाएंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो अलग-अलग फैसलों में रसोई गैस (एलपीजी) सब्सिडी के लिए कुल 42,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में साल में नौ रिफिल पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जायेगी। इसके लिए 12,000 करोड़ रुपये के प्रावधान की मंजूरी दी गयी है। इससे पहले, अक्टूबर 2023 से साल में 12 रिफिल पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जा रही थी। सब्सिडी का लाभ योजना की 10.33 करोड़ लाभार्थियों को होगा। सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत रिफिल बढ़ाने और गरीब उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मई 2022 में सालाना 12 रिफिल पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर लक्षित सब्सिडी की शुरुआत की थी जिसे अक्टूबर 2023 में बढ़ाकर 300 रुपये किया गया था।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर के मूल्य नियंत्रण के कारण तेल विपणन कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान को भी मंजूरी दी है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, आम उपभोक्ताओं पर अनुचित बोझ न पड़े इसके लिए घरेलू गैस सिलेंडर की आपूर्ति नियंत्रित मूल्य पर की जाती है। वित्त वर्ष 2024-25 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की ऊँची कीमतों के कारण तीनों सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों को इस मद में काफी नुकसान हुआ है और अब भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
तीनों तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयर कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को 12 किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जायेगा। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय यह तय करेगा कि कंपनियों के बीच राशि का बँटवारा किस प्रकार होगा।

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