कुमाल्डी गांव में पेयजल किल्लत से ग्रामीण परेशान

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
रिखणीखाल विकासखंड के ग्राम कुमाल्डी में पिछले कई दिनों से पेयजल की किल्लत बनी हुई है। ग्रामीण प्राकृतिक स्रोतों का सहारा ले रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी शुरू होते ही गांव में पेयजल किल्लत शुरू हो जाती है। कई बार विभागीय अधिकारियों से समस्या के निस्तारण की मांग की गई, लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि हर घर जल के संयोजनों के बढ़ने, योजना का द्वितीय चरण न होने व कोरोना संक्रमण की समस्या से परेशानी बढ़ रही है। पहले सार्वजनिक संयोजनों में पेयजल उपलब्ध हो जाता था, लेकिन अब स्थितियां प्रतिकूल हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम कुमाल्डी के लिए वर्ष 1991 में क्थलगाड़ स्रोत से पेयजल योजना बनाई गई। वर्ष 2010 में 22 लाख की लागत से इस पेयजल योजना का पुर्नगठन किया गया, लेकिन गर्मियां आते ही स्रोत सूखने से जलस्तर व प्रवाह में कमी आ जाती है। ग्रामीण दर्शन सिंह, अजय कुमार, श्याम सिंह व हरीलाल आदि का कहना है कि मंदाल नदी के तट पर स्थित गांव में प्रतिवर्ष ही ऐसी परेशानी होती रही है, लेकिन अभी तक समस्या के निस्तारण के लिए किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि 1960 के बिजरानी स्रोत की करीब दो किमी. आधी इंच की लाइन को जंगली हाथियों द्वारा नष्ट कर दिये जाने के बाद इसे क्थलगाड से चार किमी. की योजना में प्रस्तावित किया, लेकिन वनों की आग व सूखते स्रोतों से समस्या हर साल बढ़ती जा रही है। जिस कारण ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि खेती की सिंचाई के लिए तीन वर्ष पूर्व ट्यूबवेल का निर्माण भी हुआ, पयेजल समस्या को देखते हुए गर्मियों तक टयूबवेल का संयोजन दिया जाना चाहिए। क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया विनीता ध्यानी ने कहा कि इस संबंध में संबंधित विभाग के सहायक अभियंता से फोन पर वार्ता की गई। अधिकारी का कहना है कि जनहित को देखते हुए फिलहाल वैकल्पिक तौर पर पेयजल टैंक से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा। स्रोत में पानी की मात्रा बढ़ने पर स्वत: ही डिस्कनेक्ट कर दिया जायेगा।

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