रूस का दावा, यूक्रेन के ड्रोन के कारण लगी जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग

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मास्को , रूस ने सोमवार को दावा किया कि यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर उसने खुद गोले दागे जिससे एक कूलिंग टावर के पास आग लग गई। रूसी विदेश मंत्रालय ने वियेना में उसके मिशन कार्यालय से जारी एक बयान में कहा, बीती रात एक यूक्रेनी ड्रोन के हमले में जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेडएनपीपी) के कूलिंग सिस्टम के पास आग लग गई। रूस इस बात पर जोर देगा कि आईएईए (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) जेडएनपीपी के इलाके में हुए इस हमले के दोषियों को नामित करेगा। इस तथ्य पर और खामोश रहना कीव की धृष्टता को मौन स्वीकृति देना होगा।
आईएईए ने कहा कि जेएनपीपी में उसके विशेषज्ञों ने शाम भर कई विस्फोटों की आवाज़ सुनी और प्लांट के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र से घना काला धुआं निकलता देखा।
जेडएनपीपी के दो कूलिंग टावर जेडएनपीपी की परिधि के बाहर कूलिंग पॉन्ड के उत्तरी किनारे पर स्थित हैं।
कूलिंग टावर का उपयोग प्लांट के बिजली संचालन के दौरान किया जाता है और उनके क्षतिग्रस्त होने से शटडाउन पड़ी छह इकाइयों की सुरक्षा सीधे तौर पर प्रभावित नहीं होती है। हालांकि, साइट पर या उसके आस-पास किसी भी तरह की आग लगने से आग फैलने का खतरा रहता है।
आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने पुष्टि की, टीम को सूचित किया गया कि प्लांट के कूलिंग टावर में से एक पर आज कथित ड्रोन हमला हुआ। परमाणु सुरक्षा पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
घटना व्यापकता और संभावित कारण का पता लगाने के लिए, जापोरिज्जिया के लिए आईएईए का सपोर्ट एंड एसिस्टेंस मिशन क्षति का आकलन करने के लिए कूलिंग टॉवर तक तत्काल पहुंच का अनुरोध कर रहा है।
ग्रॉसी ने दोहराया कि संयंत्र के खिलाफ की गई कोई भी सैन्य कार्रवाई संयंत्र की सुरक्षा के लिए पांच ठोस सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन दर्शाती है, जो पिछले साल मई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तय किये गये थे।
उन्होंने कहा, ये लापरवाह हमले संयंत्र में परमाणु सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और परमाणु दुर्घटना के जोखिम को बढ़ाते हैं। इन्हें अब रोका जाना चाहिए।
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