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सादगी के साथ मनाया गया गंगा दशहरा का पर्व

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संवाददाता, बागेश्वर। जिले में गंगा दशहरा का पर्व सादगी के साथ मनाया गया। लॉकडाउन के चलते लोग प्रसिद्ध नदियों में स्नान, दान और देवस्थलों में पूजा-अर्चना करने से वंचित रहे। उन्होंने अपने घर की देहली के चौखट और मंदिर के गेट पर दशहरा द्वार पत्र लगाए। भगवान की पूजा-अर्चना कर सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। लोगों ने लजीज पकवानों का लुत्फ भी उठाया। गंगा दशहरा पर्व पतित पावनी गंगा नदी के धरती पर अवतरण दिवस का प्रतीक माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और पूजा करने का विशेष महत्व है। पंडित गणेश चंद्र तिवारी ने बताया कि गंगा नदी को सनातन धर्म में मां का स्थान हासिल है। इस दिन देहली-दरवाजों पर द्वार पत्र लगाया जाता है। इसमें वैदिक मंत्र लिखे रहते हैं। वैदिक मंत्रोच्चार से बने इस पत्र में विभिन्न भगवानों के चित्र अंकित होते हैं। जो घर में रहने वालों की रक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन घरों के अलावा देव मंदिरों में भी पूजा-अर्चना कर दशहरा द्वार पत्र अर्पण किए जाते हैं। हालांकि इस साल कोविड-19 लॉडाउन से लोग नदियों में स्नान व देवस्थलों में पूजा व दान करने से वंचित रहे। भक्तों ने घरों में ही पूजा की। घर के दरवाजों पर दशहरा पत्र लगाए। कुछ लोगों ने मंदिर में ताले होने के बावजूद भगवान बागनाथ मंदिर के गेट पर दशहरा द्वार पत्र चिपकाए। भगवान से सुख व समृद्धि के साथ महामारी से जल्द मुक्ति दिलाने की भी प्रार्थना की। लोगों ने घर-घर पकवान बनाकर उनका लुत्फ भी उठाया।

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