साद्गी के साथ संपन्न हुआ वामन द्वादशी मेला
फाट। शिव-पार्वती विवाह के साक्षी त्रियुगीनारायण मंदिर में लगने वाला वामन द्वादशी मेला साद्गी के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान भगवान नारायण की वामन मूर्ति को चांदी की थाल में सजाकर भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया। वहीं क्षेत्र की 18 निस्संतान दंपतियों ने पुत्र कामना को दीपदान भी किया।
प्रतिवर्ष त्रियुगीनारायण में वामन द्वादशी मेले का आयोजन करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। शनिवार को मंदिर के पुजारी एवं स्थानीय निवासियों ने भगवान विष्णु के वामन रूप की विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद मूर्ति को चांदी की थाल में फूलों से सजाकर रखा गया। इसके बाद शेरसी के नौटियाल ब्राह्मणों ने चांदी की थाल को सिर पर रखकर मंदिर की 11 परिक्रमा की। इस दौरान भक्तों के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया। मंदिर की परिक्रमा पूरी होने के बाद भक्तों को भगवान की मूर्ति के दर्शन कराए गए। मेले के तहत नारायण के पश्वा ने नर रूप में अवतरित होकर हरियाली का प्रसाद भक्तों को बांटा। हालांकि इस बार कोरोना के चलते बाहरी लोगों को मेले में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। वहीं बीते शुक्रवार को मंदिर में 18 दंपतियों ने पुत्र कामना के लिए भगवान नारायण की पूजा अर्चना कर दीपदान किया।
त्रियुगीनारायण मेला समिति के अध्यक्ष दिवाकर गैरोला ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते वामन द्वादशी मेला साद्गी के साथ मनाया गया। इस बार सांस्तिक कार्यक्रमों का आयोजन भी नहीं हो सका। आगामी वर्ष में मेले को भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इस अवसर पर पुजारी विपिन जमलोकी, कलपेश, रामेश्वर प्रसाद, राजेश भट्ट, जगन्नाथ प्रसाद, परशुराम गैरोला, आशाराम भटट समेत कई लोग उपस्थित थे।