नई दिल्ली ,परीक्षा पे चर्चा का पांचवां एपिसोड शनिवार को प्रसारित किया गया। इस कार्यक्रम में मोटिवेशनल गुरु जग्गी वासुदेव, यानी सद्गुरु, ने ‘दिमाग के चमत्कार’ (मिरेकल ऑफ माइंड) पर चर्चा की। सद्गुरु आत्मज्ञानी, योगी, दिव्यदर्शी, कवि और लेखक हैं। उन्होंने अपने अनुभवों के जरिए उपस्थित बच्चों को मेडिटेशन की महत्ता समझाई।सद्गुरु ने कहा, “आप खुद पर कंट्रोल न खोएं। अगर आप जो हो रहा है, उससे आगे सोच सकते हैं तो कुछ भी कर सकते हैं। अगर आपको तनाव है, तो इसका मतलब है कि दिमाग को ऑयल नहीं मिल रहा है। आप अपने दिमाग की ऑयलिंग करें।”
स्पिरिचुअल गुरु ने फिर उपाय भी बताया। कहा, “आप क्या कर रहे हैं और आप क्या हैं। अगर ये एक नहीं है तो गड़बड़ है। मेडिटेशन का काम यही है। आप कहीं बैठे हैं और आपका दिमाग-शरीर वहां नहीं है। आपका दिमाग बिना आपकी इजाजत कहीं भी दौड़ रहा है। आप अपने दिमाग और शरीर को अस्वस्थ मत बनाइए। वरना ये वह काम करेगा जो आप नहीं करना चाहते। आप अपने दिमाग और शरीर को अपने कहने पर चलाइए। मेडिटेशन कीजिए।”
कार्यक्रम में सद्गुरु ने कहा कि आप सोच रहे हैं कि क्या मैं इसके जितना बुद्धिमान हूं या नहीं, ये गलत है। हर किसी के भीतर कुछ न कुछ होता है और वो ऐसा कुछ कर सकता है, जो दूसरा कोई नहीं कर सकता है।
सद्गुरु ने अपने अनुभव साझा किए। कहा कि मैं देखता था कि परीक्षा के दौरान डायरिया की दवाइयां बहुत बिकती थीं। मैं सोचता था कि क्या हो रहा है। यह एक डर था। शिक्षा का मतलब परीक्षा नहीं है। शिक्षा आपको जीवन में उतरने का जरिया है। आप इस जगह बैठे हैं और आप देख रहे हैं कि ये घास है, ये नारियल का पेड़ है। ऐसे कैसे बढ़ रहा है। आपको लगातार चलायमान रहना होता है। आप घास की बायोलॉजी और फिजिक्स देखिए। खुद को देखिए और अपनी क्षमताओं को, बुद्धिमता को चलायमान रखिए।