बोले हरक: कर लो जांच, नहीं पड़ता कोई फरक
देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पूर्व में हुए घपले की एसआइटी जांच को लेकर पूर्व श्रम मंत्री एवं कांग्रेस नेता डा हरक सिंह रावत ने दावा किया कि कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल में नियम विरुद्घ कोई कार्य नहीं हुआ। उन्हें किसी भी प्रकार की जांच से कोई परेशानी नहीं है।
साथ ही कहा कि भाजपा विधायकों ने भी अधिकारियों पर दबाव डालकर बोर्ड के माध्यम से मजदूरों को साइकिलें बंटवाईं। ऐसे में वे भी जांच के दायरे में आएंगे। दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और विधायक विनोद चमोली ने कहा कि जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। हरक सिंह जांच को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि सब कुछ सही है तो जांच करने में क्घ्या हर्ज है।
कर्मकार कल्याण बोर्ड अक्टूबर 2020 में तब चर्चा में आया, जब बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे तत्कालीन श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत को हटाकर शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष बना दिया गया था। इसके बाद बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष सत्याल ने पिछले बोर्ड के सभी फैसलों को पलटते हुए बोर्ड के कार्यों का विशेष आडिट कराने का निर्णय लिया। यद्यपि, तब कैग द्वारा बोर्ड का आडिट किए जाने के मद्देनजर यह इरादा टाल दिया गया।
इस बीच कर्मकार बोर्ड से 20 करोड़ की राशि बतौराण कोटद्वार में ईएसआइ अस्पताल के निर्माण के लिए एक एजेंसी को दिए जाने का मामला उछला। सरकार के सख्त रुख के बाद संबंधित एजेंसी ने यह राशि सरकार को वापस लौटा दी। तब सरकार ने एक आइएएस से प्रकरण की जांच कराई। जांच में कई खामियों को इंगित करते हुए कुछ अधिकारियों के विरुद्घ कार्रवाई की संस्तुति की गई। ये बात अलग है कि फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। यही नहीं, तब बोर्ड के माध्यम से श्रमिकों को साइकिल वितरण में गड़बड़ी का मामला भी उछला। इसकी जांच भी हुई, लेकिन यह भी ठंडे बस्ते की भेंट चढ़ गई।
विधानसभा चुनाव से ऐन पहले हरक सिंह रावत के भाजपा से निष्कासन और फिर उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद कर्मकार बोर्ड में घपले का मामला फिर उछला। हाल में भाजपा विधायक दिलीप रावत ने बोर्ड में घपले की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई। यही नहीं, शासन स्तर से इस प्रकरण की एसआइटी जांच कराने की कसरत चल रही है। सचिव श्रम की ओर से इसकी संस्तुति की गई है। यद्यपि, अभी इस संबंध में गृह विभाग से आदेश नहीं हुए हैं। अब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने बोर्ड के माध्यम से बंटी साइकिलों को लेकर भाजपा विधायकों पर ही निशाना साध डाला। हरक ने समाचार एजेंसी आरएनएस से बात करते हुए कहा कि कई भाजपा विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में साइकिल बंटवाई। डोईवाला समेत कुछ स्थानों पर रखी गईं साइकिलों का कोई पता नहीं है। जब जांच होगी तो ये बातें सामने आ जाएंगी।
दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि बोर्ड के माध्यम से उनके विधानसभा क्षेत्र में लगभग दो हजार साइकिलें बंटी, लेकिन इनकी गुणवत्ता बेहद खराब थी। उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत अब इस प्रकरण की जांच को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा विधायक विनोद चमोली ने भी कहा कि कर्मकार बोर्ड में घपले की जांच होनी चाहिए। हरक सिंह रावत जांच से क्यों कतरा रहे हैं।