सलिड स्टोन की नौ शिलाओं का आज पूजन, नींव के नीचे होंगी स्थापित
अयोध्या, एजेंसी। राम नगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के साथ आधारशिला रखने की उलटी गिनती शुरु हो गई है। इसका पूजन कार्यक्रम आज यानी सोमवार से शुरु हो गया है। भूमि पूजन कार्यक्रम को वाराणसी के साथ प्रयागराज व अयोध्या के पंडित करा रहे हैं। यह पूजन कार्यक्रम पांच अगस्त तक चलेगा। मंदिर के भूमि पूजन का काम शुरू हो गया है। इससे पहले पंडित कल्किराम ने रामलला के अर्चक को पोशाक के चार सेट के साथ ध्वजा भी सौंपे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए आज से भूमि पूजन की प्रक्रिया सुबह से शुरू हो गई है। इसके तहत गौरी-गणेश की आराधना के साथ 21 पुरोहित अन्य पूजन संपन्न करा रहे हैं। आज सलिड स्टोन की नौ शिला का पूजन किया गया। मंदिर का नक्शा पास होने के बाद जहां पर रामलला विराजमान हों, वहां की नींव के नीचे इन नौ शिलाओं की स्थापना होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर के साथ हनुमानगढ़ी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त का दिन हमारे लिए काफी गौरवशाली व ऐतिहासिक है। इसके महत्व को समझते हुए, यहां अयोध्या में कार्यों का अवलोकन करने के लिए मैं स्वयं आया हूं। अयोध्या के साथ-साथ देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा जब प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में लगभग 500 वर्षों की इस परीक्षा के परिणाम के साथ भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखेंगे।
यहां पर हम आज बाहर की व्यवस्था आदि देखने तथा निरीक्षण करने के लिए हम यहां आए हैं। यहां पर कहीं भी कोई कोताही न बरती जाए, हम लोगों ने इसके लिए पूरी तत्परता के साथ तैयारी की है। प्रशासन का मुख्य फोकस कोविड-19 के प्रोटोकल को मजबूती से लागू करने पर है। इससे पहले उन्होंने अयोध्या का हवाई सर्वेक्षण किया। इस हवाई सर्वेक्षण के बाद वह साकेत डिग्री कलेज में बने हेलीपैड पर हेलिकाप्टर से उतरे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोंडा में बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए दोपहर धर्म नगरी अयोध्या पहुंचे। इससे पहले उनको रविवार को ही अयोध्या जाना था, लेकिन मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के कारण उनका दौरा रद हो गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज एक बार फिर समारोह की तैयारियों का जायजा लेने अयोध्या पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री यहां पर करीब चार घंटे रहेंगे। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 जुलाई को अयोध्या का दौरा किया था। श्रीराम मंदिर निर्माण का पूजन उत्सव रामनगरी अयोध्या में शुरू है। मंदिर निर्माण का भूमि पूजन के साथ ही आधारशिला रखने का कार्यक्रम पांच अगस्त को होगा। उससे पहले 3 अगस्त से ही पूजन उत्सव का शुभारंभ हो चुका है।
हिंदू परंपरा के मुताबिक ही पूजन उत्सव का आरंभ सबसे पहले गणपति की स्तुति से हुआ है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव जी महाराज ने गणेश स्तुति के माध्यम से पूजन उत्सव की शुरुआत की। आज से अगले दो दिन तक अयोध्या पूरी तरह से राममय रहेगी। कोरोना संक्रमण की वजह से यहां भव्य आयोजन और पूजन उत्सव में रामभक्तों की सहभागिता उतनी नहीं हो पाई, जैसी आम दिनों में होती। सभी रामभक्त अपने घरों में ही इस आयोजन से जुड़े अनुष्ठान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को जब राम मंदिर की आधारशिला रख रहे होंगे, तब रामलला पंडित कल्किराम की ओर से भेंट की गयी पोशाक धारण किये होंगे। पंडित कल्किराम ने रामलला के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास को रामलला के लिए चार सेट पोशाक सौंपी।
21 पुरोहितों ने अनुष्ठान की शुरुआत की
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या की पांच अगस्त को राम मंदिर की आधारशिला रखी जानी है। इस क्षण को उत्सव के रूप में मनाने के लिए अयोध्या में भव्य तैयारी की गई है। तीन दिन तक चलने वाला श्रीराम मंदिर भूमि पूजन का अनुष्ठान आज यानी सोमवार से शुरू हो गया है। गौरी गणेश पूजन के साथ श्री राम जन्मभूमि में अनुष्ठान आज से शुरू हो गया है। सोमवार से 21 पुरोहितों ने यहां पर गौरी गणेश का आह्वान कर राम मंदिर भूमि पूजन के अनुष्ठान की शुरुआत कर दी है।