समाज में बालिकाओं के प्रति संर्कीणता वाली सोच को बदलना होगा
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विकास भवन सभागार पौड़ी में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि बालिकाओं के विकास के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य बालक-बालिकाओं में भेदभाव किये बिना उन्हें समानता के अवसर प्रदान करना है। मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने बालिकाओं के विकास को लेकर संचालित योजनाओं, जनपद में आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं लिंगानुपात आदि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी भी समाज में बालिकाओं के प्रति जो संर्कीणता वाली सोच है, उसे हमें बदलना है और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र के घरों पर भी बालिका के नाम पट्टीका लगा कर कार्यक्रम का विधवत शुभारंभ किया। इस मौके पर जिलाधिाकरी, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार, मुख्य बाल विकास परियोेजना अधिकारी मीना शाह सहित उपस्थित महिलाएं ने नगरीय क्षेत्र पौड़ी के घरों में जाकर बालिकाओं के नाम की नेम प्लेट लगाई। उन्होंने सभी से घर की नाम पट्टिका पर अपनी बेटी के नाम दर्शित करने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक विकासखंड में विभाग के माध्यम से एक हजार घर की नाम पट्टिका बालिकाओं के नाम से लगवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने बाल विकास विभाग को एक माह के अन्दर जनपद के समस्त विकास खण्डों में 15 हजार नाम पट्टिका बालिकाओं के नाम से लगवाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने परिजनों को बालिकाओं के सपने साकार करने हेतु हर संभव सहयोग देने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन घरों में बालिका नही है उन घरों पर महिलाओं के नेम प्लेट लगाना सुनिश्चित करें। बालिका अविभावक बीरेन्द्र खंकरियाल ने पापा मैं जीना चाहती हूं अपनी रचना का कविता पाठ किया। जबकि उपस्थित बालिकाओं ने जिलाधिकारी के समक्ष व्यापारी, डाक्टर, अध्यापिका, आईएएस, आपीएस, फौजी, पुलिस, समाज सेवी, इंजिनियर, आर्टिस्ट आदि बनने की लक्ष्य बताया। जिलाधिकारी ने 50 बालिकाओं को नेम प्लेट भेंट की।
जिलाधिकारी ने कहा कि ‘‘सपनों की उड़ान‘‘ के अन्तर्गत लिंगानुपात बहुत कम है, जिसके तहत जन-जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम जनपद में किये जाते हैं, जिसमें छात्राओं का मार्गदर्शन किया जाता है। जिलाधिकारी ने उत्तराखण्ड की कई सफल बालिकाओं के उदाहरण दिये। उन्होंने पर्वतारोही उत्तराखण्ड की बेटी शीतल राज का उदाहरण देते हुए कहा कि शीतल राज ने अपने पहले ही प्रयास में एवरेस्ट पर्वत पर चढ़कर सफलता हासिल की। उन्होंने उपस्थित छात्राओं से कहा कि आपका जो सपना है, उसको साकार करने के लिए आपको मेहनत करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनपद में अच्छा कार्य करने वालों के साथ आपका संवाद किया जायेगा, जिससे कि आपको विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही सही दिशा भी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में आपके घर के नाम के साथ-साथ आपका नाम जमीन के खाता-खतौनी में भी दर्ज हो सकता है। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल, पीडी संजीव कुमार राय, डीडीओ वेद प्रकार, डीपीआरओ एमएम खान, मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिह रावत, जिला शिक्षा अधिकारी केएस रावत आदि मौजूद थे।