सम्पत्ति कर के विरोध में सरकार के खिलाफ दिया धरना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार नव निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. शक्तिशैल कपरवाण के नेतृत्व में समिति से जुड़े लोगों ने निगम कार्यालय में धरना देकर प्रदर्शन किया। डॉ. कपरवाण ने कहा कि मुख्यमंत्री व जनप्रतिनिधियों ने निगम बनाते समय जनता से वादा किया था कि दस साल तक कोई सम्पत्ति कर नहीं लगेगा, लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी कर दो साल के अंदर ही सम्पत्ति कर लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से मोटर नगर के निर्माण में करोड़ों रूपयों की बर्बादी की गई है। राज्य सरकार अविलम्ब उच्च न्यायालय में लंबित मोटर नगर के मामले को हल करें। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की है। धरना देने वालों में डॉ. शक्तिशैल कपरवाण, प्रवेन्द्र सिंह रावत, दर्शर्न ंसह नेगी, सुरेश पटवाल, महेश केष्टवाल, सुमन्त भट्ट, प्रवेशचन्द्र नवानी, जनाद्र्धन ध्यानी, शशि प्रभा रावत, राजाराम अंथवाल, बबीता रावत, गजेन्द्र तिवारी, अनुसूया प्रसाद सेमवाल सहित समिति के अन्य सदस्य शामिल थे।
नगर निगम के वार्ड नंबर 37 पश्चिमी झण्डीचौड़ के लोगों ने सम्पत्ति कर के विरोध में आपत्तियां दर्ज कराई है। पार्षद सुखपाल शाह ने बताया कि शनिवार को वार्ड नंबर 37 से 270 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। पूर्व में भी 250 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई थी। इस मौके पर धीरज लाल विश्वकर्मा समिति के संरक्षक, राजेंद्र सिंह चौहान,पार्षद सुखपाल शाह आदि उपस्थित रहे।
सरकार सम्पत्ति कर आदेश को वापस लें
कोटद्वार। पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति ने कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और खाली भूखण्डों पर टैक्स लगाने के लिए जारी किये गये आदेश को वापस लेने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष गोविन्द डंडरियाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि जब से नगर पालिका कोटद्वार को नगर निगम का दर्जा दिया गया है, तब से जनता परेशान है। जनता को सुविधाएं तो मिली नहीं, लेकिन कई तरह के कर जनता पर लगाये गये है। जिस कारण जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से कोटद्वार की जनता पर लगाये गये करों को तत्काल वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में लार्ल ंसह बिष्ट, श्याम सिंह बिष्ट, सतीश चन्द्र, महेन्द्र सिंह, प्रेम बल्लभ, प्रेम सिंह, अर्जुन सिंह रावत, अर्जुन सिंह, ओमप्रकाश कोटनाला, हुकुर्म ंसह पटवाल, आनन्दमणि नैथानी, केशवानन्द पाण्डेय, सैन सिंह, सूर्य कुमार, बलवार्न ंसह रावत, भारत सिंह चौहान, जय सिंह रावत, राजेन्द्र प्रसाद, शंकर सिंह, महेन्द्र सिंह, ओम प्रकाश, गजे सिंह नेगी, राम कुमार अग्रवाल, बीरेन्द्र कुमार, धनीराम ध्यानी आदि शामिल थे।
आपत्ति दर्ज कराने के लिए तीन माह का मांगा समय
कोटद्वार। प्रदेश के पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार के द्वारा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं भूखंडों पर टैक्स लगाये जाने के आदेश को जनहित में तत्काल वापस लेने की मांग प्रदेश से मुख्यमंत्री से की है। साथ ही उक्त कर के विरोध में आपत्ति दर्ज कराने के लिए तीन माह का समय दिये जाने की भी मांग की। पूर्व मंत्री ने कहा कि आपत्ति दर्ज करवाने के लिए कम समय दिये जाने से लोगों तक सूचना नहीं पहुंच पाई है। प्रदेश सरकार के जनविरोधी निर्णयों से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नगर निगम में सम्मिलित ग्राम सभाओं से अगले दस साल तक किसी भी प्रकार का टैक्स न लगाये जाने की घोषणा की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपनी ही घोषणा को वापस लेते हुए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं खाली भूखंडों पर टैक्स लगाये जाने की अधिसूचना जारी करवा दी है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते पूरा प्रदेश आर्थिक संकट से गुजर रहा है, ऐसी परिस्थिति में सरकार ने सम्पति कर लगाकर लोगों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों के भूखंडो पर टैक्स या किराया वसूला जाना औचित्यपूर्ण नहीं है। सड़क की चौड़ाई के आधार पर भी भवनों पर प्रति वर्ग फुट प्रतिमाह का किराया लिया जाना भी व्यावहारिक नहीं है।