समुचित प्रचार-प्रसार न होने के कारण स्वदेशी स्वरोजगार मेला रहा फीका
हरिद्वार। एक नवंबर से शुरू होने वाला स्वदेशी स्वरोजगार मेला दूसरे दिन भी फीका रहा। दोपहर तक 60 में से महज 15 स्टॉल ही संचालित हो पाए। जो संचालित हुए वह भी ग्राहकों की बाट जोहते रहे। इसकी मुख्य वजह मेले का समुचित प्रचार-प्रसार न होना है। स्थानीय उद्यमियों को भी समय से इसकी जानकारी न होने से वह खुद को तैयार नहीं कर पाए। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी स्वरोजगार दीपावली महोत्सव एक से 15 नवंबर तक आयोजित होना है। जिले में चार स्थानों पर आयोजित होने वाले इस मेले का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्वदेशी उत्पाद और उत्पादकों को बढ़ावा देना है। हरिद्वार में ऋषिकुल मैदान में यह मेला आयोजित किया जा रहा है। समुचित प्रचार-प्रसार के अभाव में न ही अपेक्षित उद्यमी पहुंच रहे हैं और न ही खरीदार। आलम यह कि पहले दिन देर शाम तक मेले से जुड़ी तैयारियां भी पूरी नहीं हो पाई थी। उम्मीद थी कि दूसरे दिन मेले में चहल पहल बढ़ेगी, लेकिन आवंटित 60 में से महज 15 स्टॉल भी लग पाए। हालांकि उद्यमी पूरे दिन ग्राहकों की बाट जोहते रहे। समर्पण महिला स्वयं सहायता समूह आदर्श नगर हरिद्वार की संचालिका आरती और हिमानी ने बताया कि उन्हें समय पर मेले की जानकारी नहीं हो पाई। इसके चलते वह सजावटी वस्तुएं तैयार नहीं पाए। राधा स्वामी स्वयं सहायता समूह मिस्सरपुर की संचालिका विमला जोशी ने बताया कि मेले का समुचित प्रचार-प्रचार होना चाहिए। सीता राम स्वयं सहायता समूह चंद्रपुरी खुर्द की मुनेश और पूजा स्वयं सहायता समूह खानपुर की रूबी शर्मा ने बताया कि स्थानीय स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशासन की पहल सराहनीय है, लेकिन मेले का प्रचार-प्रसार भी जरूरी है।
प्रशासन की ओर से मेला संचालन की जानकारी 29 अक्टूबर को मिली। तीन दिन अवकाश के चलते अपेक्षित तैयारियां नहीं हो पाई। प्रचार-प्रसार की भी थोड़ी कमी रही। नगर निगम के कूड़ा वाहनों के जरिए सोमवार से मेले का प्रचार-प्रसार शुरू करा दिया है। उम्मीद है जल्द मेला पूरे शबाब पर होगा।
-तनवीर मारवाह, नोडल अधिकारी, स्वदेशी स्वरोजगार मेला