कोटद्वार-पौड़ी

सनातन पद्धति की मूल आत्मा व आधार गो, गंगा और गायत्री: राजेन्द्र

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। उपाध्यक्ष, गो सेवा आयोग (राज्यमंत्री स्तर), उत्तराखण्ड पं. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि सनातन पद्धति की मूल आत्मा व आधार गो, गंगा और गायत्री है, यह हमारी आर्थिकी का साधन भी है, किन्तु आज मनुष्य की संवेदनहीनता के कारण इनकी दुर्दशा हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में सुधारात्मक प्रयास करने हेतु निरन्तर प्रयासरत् है, किन्तु इसमें जन सहभागिता की आवश्यकता है।
जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक मंगलवार को नगर पालिका सभागार, पौड़ी में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में पशुओं पर होने वाली क्रूरता, उसके निवारण, गो शालाओं के संचालन, क्रूरता करने वालों के प्रति नियमानुसार की जाने वाली कार्यवाही आदि की जानकारी स्लाइड शो के माध्यम से प्रस्तुत की गई। बैठक में को संबोधित करते हुए उपाध्यक्ष, गो सेवा आयोग (राज्यमंत्री स्तर), उत्तराखण्ड पं. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है और हर तीसरे माह में यह बैठक आयोजित की जानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकतर डॉक्टर युवा हैं और अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को इस दिशा में गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला पंचायत को निर्देशित किया कि 25-25 ग्राम सभा को कलस्टर के रूप में लेकर गोशाला बनाने के कार्य में तीव्रता लायें। उन्होंने कहा कि अगर कोई पशुपालक पशुओं पर टैग या चिप लगाने हेतु मना करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाय। गोशाला को बनाने हेतु समाधान का भाव निकालते हुए प्रस्ताव भेजे, पैंसे की कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को सहयोग और सही दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में भी ज्ञान दें, गाय को कैंसे बचायें, उसकी महत्तता, उपयोग पर सेमिनार आयोजित करने के साथ ही वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार करें। वहीं प्रभागीय वनाधिकारी को सांडों को रखने हेतु पानी वाले जगहों पर चारदीवारी बनाकर शैड बनवाने को भी कहा। इस पर डीएफओ ने कहा कि सिविल एरिया व वन पंचायत में यह काम किया जा सकता है। पुलिस विभाग को जनपद स्तर पर गठित सेल के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये। गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष ने मुख्य विकास अधिकारी को गोपाल गोलोक सेवा संस्थान गाड़ी घाट कोटद्वार द्वारा बनाये जा रहे गोशाला के प्रकरण को देखने को कहा। वहीं अध्यक्ष पर्वतीय गो रक्षा समिति थलीसैंण द्वारा मरोड़ा में खाली पड़ी जमीन को आवारा पशुओं को रखने हेतु दिये जाने की मांग की। बैठक में उपजिलाधिकारी पौड़ी एसएस राणा, प्रभागीय वनाधिकारी केएस रावत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पौड़ी प्रदीप बिष्ट, दुगड्डा हर्षवर्धन रावत, श्रीनगर राजेश नैथानी, नगर पंचायत स्वर्गाश्रम मोहन प्रसाद गौड़, सतपुली सुशील बहुगुणा, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) सावेद आलम, एसएचओ राकेन्द्र कठैत, पशु चिकित्सा अधिकारी कोट डॉ. देवकी पिल्खववाल, नैनीडांडा डॉ. निधि वर्मा, पौड़ी डॉ. अशोक कुमार, अमोल डॉ. आशा सामन्त, सतपुली डॉ. विनय कुमार, श्रीनगर डॉ. राजेश पाण्डे, डाडामंडी डॉ. स्वाती, कल्जीखाल डॉ. एसके उपाध्याय आदि मौजूद थे।

टैग लगे पशुओं की सूची उपलब्ध कराने को कहा
मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि इस संबंध में जन जागरूकता हेतु सोशल मीडिया, इंस्टाग्राम, ट्विटर, विज्ञापन व बैठक आदि के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैठक के मिनट्स बनाने तथा की गई कार्यवाही का अगली बैठक में समीक्षा करने को कहा। साथ ही टैग लगे पशुओं की सूची भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आमजन को जागरूक करने, सहयोग करने हेतु सामुहिक प्रयास करें। समिति का वाट्स एप ग्रुप बनाकर कार्य को विस्तार दें। उन्होंने जिला पंचायत अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि गोशालाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर स्थान चिन्ह्ति कर मॉडल बनाकर प्रस्तुत करें। उन्होंने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत व पुलिस को वर्कशॉप कराने को भी कहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!