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सरकारी विभाग ही लगा रहे जल संस्थान को चूना

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड जल संस्थान को सरकारी विभाग ही चूना लगाने में लगे हैं। जल संस्थान की ओर से पेयजल बिलों की रिकवरी का लक्ष्य पूरा करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद भी विभिन्न विभागों व उपभोक्ताओं पर 2.87 करोड़ रुपये बकाया है। कई सरकारी विभाग पेयजल बिलों के लाखों रुपये दबाकर बैठे हैं। ऐसे में जल संस्थान के लिए अपना लक्ष्य पूरा करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संस्थान पेयजल की आर्पूित करता है। इसका विभाग लोगों व विभिन्न विभागों से जल मूल्य वसूलता है। पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग की वसूली का लक्ष्य 9.92 करोड़ था, जिसके सापेक्ष 7.05 करोड़ की ही वसूली हो पाई है। विभिन्न विभागों व कई उपभोक्ताओं की ओर से 2.87 करोड़ का जल मूल्य जमा नहीं किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आम उपभोक्ता समय रहते पेयजल बिल जमा कर देते हैं, परंतु सरकारी महकमे से बिल वसूलना विभाग के लिए कई सालों से चुनौती बना हुआ है। कई विभाग तो ऐसे हैं, जिन्होंने सालों से पेयजल बिल जमा ही नहीं किया है। कई विभागों का हाल यह है कि निर्धारित बिल से काफी कम धनराशि ही वे जमा करते हैं। साथ ही अगले बिल में इसे पूरा जमा करने की बात कही जाती है। फिर अगली बार भी यहीं क्रम चलता रहता है। ऐसे में यह धनराशि हर साल बढ़ती ही जाती है। इसके चलते विभाग अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रहा है। वहीं विभाग को र्आिथक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। ऐसे में विभाग को भावी योजनाएं बनाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग पर सर्वाधिक 72 लाख की धनराशि बकाया है। इसके बाद कई अन्य विभाग भी शामिल हैं।
विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए मार्च में लाउडस्पीकर से भी जागरूक किया गया। इसके बाद भी अनेक विभागों व ने पेयजल बिल जमा नहीं किया। ऐसे कार्यालयों व उपभोक्ताओं को जल्द ही विभाग की ओर से नोटिस भेजे जाएंगे। -केएस खाती, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान

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