स्कूलों को बंद किये जाने की मांग की
अल्मोड़ा। विधि आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एडवोकेट दिनेश तिवारी ने कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने तथा विवाह और अन्य समारोहों में लोगों की सीमित संख्या तय करने के साथ टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाए जाने की मांग की है। इस मामले में ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजकर उन्होंने मेडिकल विभाग को हाई अलर्ट पर रखने का भी सुझाव दिया है। ज्ञापन में आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक साबित हो रही है। मौत का आंकड़ा भी इसमें बढ़ रहा है। विद्यालयों के खुलने के बाद विद्यार्थियों और शिक्षकों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। तमाम जगहों छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में स्कूलों को फिलहाल बंद किया जाना नितांत जरूरी है। तिवारी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आम लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाला जा सकता। उन्होंने कहा कि कोरोना जांच के लिए टेस्टिंग बढ़ाने के साथ आइसीयू, बेड वेंटीलेटर व मेडिकल स्टाफ को प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किए जाने जाने की जरूरत है। सुझाव दिया कि इसके लिए राज्य व राज्य से बाहर के प्रशिक्षु चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व पैरा मेडिकल से जुड़े छात्रों, रिटायर्ड स्टाफ की भी मदद ली जा जानी चाहिए। लेकिन इस दिशा में सरकार का जिम्मेदारियों से हाथ खींचा जाना ठीक नहीं। शादी-ब्याह व अन्य सामारोहों में दी गई छूट को भी वापस लिए जाने की जरूरत है। नियमों की अवहेलना पर सख्त दंडात्मक कदम सरकार को उठाने चाहिए।