देहरादून। स्कूल का काम सिर्फ शिक्षा ही नहीं, संस्कार देना भी है। ये बात कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को ओएनजीसी सामुदायिक भवन में आयोजित स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव पर कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि विद्यालय समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक शिक्षा प्रदान करता है और इस सेवा में आज तक विद्यालय निरन्तर प्रयासरत रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यालय या संस्थान का वार्षिकोत्सव उसका आईना होता है। यह विद्यालय हर बच्चे को अच्छे संस्कार देता है और स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों पर कार्य करते हुए छात्रों को भी उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करता है। जिस प्रकार स्वामी विवेकानंद कहते थे कि भारत तभी आगे बढ़ सकता है जब आखिरी पायदान पर खड़ा व्यक्ति शिक्षित होगा।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ ड्राइंग प्रतियोगिता, सस्वरती पाठ, नृत्य प्रतियोगिता, खेल गतिविधि आदि से बच्चों का हर तरह से विकास होगा। आज इस आधुनिक दौर में मान बिंदु और आदर्श बदल रहे है। उन्होंने कहा कि आधुनिक बनना है तो विचारों और तकनीकी में बनें। कहा कि राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा और चरित्र शिक्षा का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संस्कारों को जिंदा रखने की आवश्यकता है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने विद्यालय की सफलता और विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना भी की।
इस अवसर पर आरएसएस प्रचार प्रमुख कृपा शंकर, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजयुमो नेहा जोशी, निर्वतमान मेयर सुनील उनियाल गामा, अनिल गोयल, लक्ष्मी प्रसाद जयसवाल, प्रधानाचार्य विशाल जिंदल, मनीषा जिंदल,नीरज मित्तल, नंदनी शर्मा, नन्द किशोर, मंजू कटारिया और सचिन गुप्ता सहित कई लोग मौजूद रहे।