धुर्मा गांव में आपदा में लापता दो लोगों की खोज जारी

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चमोली। नंदानगर क्षेत्र के धुर्मा गांव में आपदा के दौरान लापता दो व्यक्तियों की खोज के लिए रविवार को एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, फायर सर्विस एवं पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीमों ने सर्च अभियान चलाया। बुधवार रात को नंदानगर के कुंतरी फाली, सैंती, सरपाणी और धुर्मा आदि गांवों में भारी बारिश होने से काफी नुकसान हो गया था। आपदा में धुर्मा गांव के 75 वर्षीय गुमान सिंह और 38 वर्षीय ममता देवी लापता हैं। एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, फायर सर्विस एवं पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने रविवार को भी दोनों लापता व्यक्तियों की खोजबीन की, लेकिन वे अभी तक नहीं मिल सके हैं। डीएम डॉ. संदीप तिवारी एवं पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। स्थानीय लोग और टीमों का सहयोग भी इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार और प्रशासन हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ा है। आपदा प्रभावित धुर्मा गांव के लिए प्रशासन द्वारा 50 गद्दे और 50 तकिए भेज दिए गए हैं, साथ ही 15 बड़े टेन्ट और बर्तन भी पंहुचा दिए गए हैं। राशन की आपूर्ति भी लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्र में की जा रही है। ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत मिल सके। प्रशासनिक टीमें लगातार क्षेत्र में राहत एवं पुनर्वास कार्य संचालित कर रही हैं और लोगों की आवश्यकताओं के अनुसार संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आरएसएस ने भेजी राहत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन की ओर से कुंतरी फाली व धुर्मा में राहत सामग्री बांटी गई व दवा का वितरण कैम्प लगाया गया। उन्होंने लोगों को राशन के किट प्रदान किये। इस मौके पर जिला प्रचारक मिथलेश, राजेंद्र सिंह, एसपी भट्ट, राजेंद्र पंत, नवीन पुरोहित, जयपाल, भगवती मैंदोली, नरेंद्र नेगी, अजय पुरोहित, संदीप नेगी आदि थे। उन्होंने कहा कि पैदल रास्ते बदहाल हैं। हर जगह आपदा के निशान है। कीचड़ और मिट्टी फैल रखी है। क्षेत्र में हैली कॉप्टर के माध्यम से भी सरकार द्वारा राहत भेजी गई। आपदाग्रस्त गांवों में अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। सेरा-धुर्मा सड़क बाधित होने से आर रहीं दिक्कतें सेरा-मोख-धुर्मा सड़क आपदा के बाद से बाधित है। मशीनें सड़क खोलने में जुटी हैं। सडुक बंद होने से राहत कार्य में दिक्कत हो रही है। आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने कहा कि लोनिवि की मशीनें काम में जुटी हैं। सेरा मोख मोटर मार्ग के किमी दो पर अत्यधिक बड़े बोल्डर को कंप्रेशर एवं पोकलेन से हटाने में अत्यधिक समय लगने के कारण अब सीधा रैम्प बनाकर ग्राम धूर्मा में राहत बचाव कार्य में मदद के लिए मशीन भेजने का प्रयास किया जा रहा है ।

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