कोरोना की दूसरी लहर से धड़ाम हुई अर्थव्यवस्था, जीडीपी में आई 7़3 फीसदी की गिरावट
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। भारत सरकार के ताजा आंकड़े के अनुसार वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)में 7़3 फीसदी की कमी दर्ज कीगई है। वहीं पिछले साल(2019-20) में यह 4 फीसदी रही थी।जबकि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 1़6 फीसदी दर्ज की गई। वहीं खुद केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था लेकिन उस अनुमान से ़70 बेहतर आए हैं जीडीपी के आंकड़े।
हालांकि, जनवरी-मार्च 2021 के दौरान वृद्घि दर इससे पिछली तिमाही अक्तूबर-दिसंबर 2020 के 0़5 फीसदी वृद्घि के मुकाबले बेहतर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन फीसदी की वृद्घि हुई थी।
आंकड़ों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 2020-21 के दौरान 7़3 फीसदी का संकुचन हुआ, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था चार फीसदी की दर से बढ़ी थी। एनएसओ ने इस साल जनवरी में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमानों के आधार पर कहा था कि 2020-21 के दौरान जीडीपी में 7़7 फीसदी गिरावट रहेगी । चीन ने जनवरी-मार्च 2021 में 18़3 फीसदी की आर्थिक वृद्घि दर्ज की है।
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के़ वी़ सुब्रमण्यम ने कहा कि ळैज् पिछले साल के मुकाबले इस साल काफी बढ़ा है। पिछले साल के सितंबर महीने के बाद से ळैज् में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अप्रैल महीने में ळैज् में रिकर्ड बढ़ोतरी हुई है।
राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9़3 फीसदी रहा। यह वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान 9़5 फीसदी से कम है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7़42 फीसदी था।
निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपये बैठता है जो फीसदी में जीडीपी का 9़3 फीसदी है। सरकार ने फरवरी 2020 में पेश बजट में 2020-21 के लिये शुरू में राजकोषीय घाटा 7़96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3़5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा अनुमान को संशोधित कर 9़5 फीसदी यानी 18,48,655 करोड़ रुपये कर दिया गया। कोविड-19 महामारी और राजस्व प्राप्ति में कमी को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया। वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4़6 फीसदी रहा था। मुख्य रूप से राजस्व कम होने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है।