उत्तराखंड

वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल में पहले सदस्य की नियुक्ति पर जवाब मांगा

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने सोमवार को हल्द्वानी में वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल के प्रथम सदस्य उपजिलाधिकारी के स्थान पर उनके समतुल्य किसी अन्य प्रसाशनिक अधिकारी को नियुक्ति दिए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद चेयरमैन वक्फ बोर्ड तथा उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
मामले में हल्द्वानी निवासी जावेद ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि राज्य सरकार ने कुमाऊं मंडल के वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल का गठन हल्द्वानी में 2016 में किया था। इसके प्रथम सदस्य के रूप में उपजिलाधिकारी नैनीताल को नियुक्ति दी गई। उनका मुख्य कार्य दायर वादों का निस्तारण करना है, लेकिन वर्ष 2019 से अब तक उपजिलाधिकारी प्रशासनिक व अन्य कारणों में व्यस्त होने के कारण एक बार भी ट्रिब्यूनल में उपस्थित नहीं हो सके हैं। इस कारण दायर वादों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। यही नहीं लोगों को समय पर न्याय भी नहीं मिल पा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उनकी जगह उनके समतुल्य हल्द्वानी में तैनात किसी अन्य अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाए, जिससे लोगों को समय पर न्याय मिल सके। याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार, जिलाधिकारी नैनीताल, चेयरमैन वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल, वक्फ बोर्ड देहरादून को जनहित याचिका में पक्षकार बनाया है।

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