सेल्फी विद स्कूल ने खोली सरकारी शिक्षा व्यवस्था की पोल: द्विवेदी-
हरिद्वार। आम आदमी पार्टी के सह सचिव मनोज द्विवेदी ने कहा कि उत्तराखण्ड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है। प्रदेश के अधिकांश स्कूल भवन जर्जर हालत में है। बच्चे जान जोखिम में डाल कर जर्जर भवनों में पढ़ने को मजबूर हैं। आम आदमी पार्टी द्वारा चलाए गए सेल्फी विद स्कूल अभियान के बाद पत्रकारवार्ता में मनोज द्विवेदी ने बताया कि दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तराखण्ड दौरे पर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्तिथि को लेकर सवाल उठाए गए थे। जिसके बाद पार्टी द्वारा पूरे प्रदेश में सेल्फी विद स्कूल अभियान चलाया गया था। अभियान में सरकारी स्कूलों की बदहाली सामने आयी है। सभी जिलों में पार्टी कार्यालय में सेल्फी विद स्कूल प्रदर्शनी के माध्यम से सरकारी स्कूलो की खस्ताहाल स्थिति को जनता के सामने रखा गया है। मनीष सिसोदिया के दिल्ली लौटने के बाद बीजेपी के मंत्री,विधायक सभी उत्तराखंड में बेहतर स्कूलों के दावे के साथ मनीष सिसोदिया पर सवाल उठाने लगे । इसके बाद आम आदमी पार्टी ने जनता को निर्णायक भूमिका में रखते हुए सेल्फी विद स्कूल अभियान चलाया। जिसमें जनता ने अपने आस पास के जर्जर व बदहाली के हालत वाले सैकड़ों स्कूलों की फोटो सोशल मीडिया पर डालने के साथ साथ आम आदमी पार्टी को भी भेजी । उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद के स्कूलों की हालत भी अच्छी नहीं है। तस्वीरों ने सरकार के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी। मनोज द्विवेदी ने कहा कि आप द्वारा चलाई गई मुहिम को जनता का भरपूर समर्थन मिला। मनीष सिसोदिया के साथ डिबेट से भाग कर मंत्री मदन कौशिक ने अपरोक्ष रूप हार स्वीकार कर ली है 2022 में जनता द्वारा इस पर मुहर लगनी बाकी है। पूर्व प्रदेश प्रवक्ता हेमा भण्डारी ने बताया कि जर्जर स्कूलों में छात्र और शिक्षक अपनी जान जोखिम में लेकर आते हैं। सरकार लाख दावे करे लेकिन स्कूलों की तस्वीरों ने ये बात साबित कर दिया है कि स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी सूधार नहीं हुआ है। कई स्कूल ऐसे हैं जो जर्जर स्थिति में हैं। पहाडों से स्कूलों की जो तस्वीरें सामने आई हैं वो तस्वीरें बता रही हैं कि आखिर कैसे शिक्षक उन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा देते होंगे। इन स्कूलों में हालात इतने बद्तर हैं कि यहां शिक्षा लेना और देना किसी मुश्किल से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि करोडों रुपये का बजट सरकार शिक्षा के लिए बनाती है। उस बजट को अभी तक कहां खर्च किया गया सरकार को जनता को इसकी जानकारी देनी चाहिए। सेक्टर इंचार्ज नवीन मारया ने कहा कि जिन सपनों और आंकांक्षाओं को लेकर प्रदेश की जनता अलग प्रदेश के लिए संघर्ष किया था। उत्तराखण्ड के अलग राज्य के रूप में वजूद में आने के बीस वर्ष बाद भी वे सपने और आंकांक्षांए पूरी नहीं हो पायी हैं। भाजपा व कांग्रेस की नीतियों के चलते प्रदेश विकास नहीं कर पाया। स्थिति यह है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए भी लोग पलायन कर रहे हैं। सेल्फी विद स्कूल अभियान से इस बात की भी पुष्टि हुई है। इस दौरान अनिल सती, पवन धीमान, शाह अब्बास आदि कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।