उत्तराखंड

हिंदी विषय पर विचार गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन आयोजित किया

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बागेश्वर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आजादी का अमृत महोत्सव और हिंदी पखवाड़े के तहत स्वाधीनता संग्राम में हिंदी विषय पर विचार गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा हिंदी ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक भाषा ही नहीं अपितु एक योद्घा के रूप में अपनी भूमिका निभाई। रविवार को भाषा उत्ष्टता केंद्र के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में प्राचार्य ड़ शैलेंद्र धपोला ने कहा हिंदी साहित्य को स्वतंत्रता के आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया। संचालक ड़क केएस रावत ने कहा हिंदी ने पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण को जोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन को एक सूत्र में बांधा। ड़क केएस कांडपाल ने हिंदी के संवैधानिक पहलू और ड. गोपाल ष्ण जोशी ने हिंदी के संप्रेक्षण पर प्रकाश डाला। इस दौरान आयोजित काव्य गोष्ठी में ड़ जितेंद्र तिवारी ने जागृति फैलाते रहें, कविताओं से ओज, कलम आज उनकी, जय बोल कराते खोज, दीप पांडे ने वंदना घड़ी-घड़ी मां तुझे पुकारे, सुन ले मेरी पुकार, हे जगजननी वंदन बारंबार, विनोद प्रकाश ने पहाड़ों का एक अलग आसमान, एक अलग धतरी होती है। गोपाल ष्ण ने हिंदी है ये भाषा जननी, चित विकार अमंगल हरनी आदि काव्य पाठ किया। यहां ड़ राजीव जोशी, किशन मलड़ा आदि रहे।

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