महात्मा बुद्ध के जीवन दर्शन पर की गोष्ठी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : साहित्यांचल साहित्यिक संस्था ने स्वर्ण जयंती वर्ष व बुद्ध पूर्णिमा पर महात्मा बुद्ध के जीवन दर्शन विषय पर गोष्ठी आयोजित की। इस दौरान सदस्यों ने समाज हित में भगवान बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
मेहरबान सिंह कंडारी विद्यालय में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इससे पूर्व सदस्यों ने बुद्धा पार्क स्थित भगवान बुद्ध की मूर्ति के समीप पहुंचकर उन्हें नमन किया। मुख्य वक्ता चक्रधन शर्मा कमलेश व प्रो. नंद किशोर ढौडिंयाल व सत्यप्रकाश थपलियाल ने भगवान बुद्ध की जीवनी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजक चंद्रप्रकाश नैथानी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने सत्य, अहिंसा, प्रेम और भाईचारे का जो संदेश दिया था। उनके बताए माग पर चलकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। भगवान बुद्ध से प्रेरित होकर ही संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर ने उनकी शरण में जाने का निर्णय लिया। भगवान बुद्ध ने पंचशील का सिद्धांत देकर आदर्श समाज बनाने का आह्वान किया था, जिसमे हिंसा न करना, चोरी न करना, ब्याभिचार न करना, झूठ न बोलना व नशा न करना मुख्य था। इस मौके पर हरि सिंह भंडारी, डा. ख्यात सिंह चौहान, चंद्रमोहन बड़थ्वाल, आरपी कोटनाला, हर्ष वद्र्धन ध्यानी, अतुल भट्ट, शिव प्रकाश कुकरेती, जर्नादन बुड़ाकोटी, पीएल खंतवाल, विजय लखेड़ा, रोशन बलूनी, राकेश अग्रवाल, यतेंद्र गौड़, रामप्रकाश शर्मा, जेपी भारद्वाज, अनुसुया डंगवाल, रेनू बड़ाकोटी आदि मौजूद रहे।, वहीं, भारतीय दलित साहित्य अकादमी गढ़वाल मंडल की ओर से भी भगवान बुद्ध को याद किया गया। सभा की अध्यक्षता अकादमी के मण्डलीय अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल आर्य ने की।