सेना प्रमुख ने कहा- चीन और पाक की साठगांठ वास्तविक खतरा, एलएसी पर गतिरोध कायम
नई दिल्ली, एजेंसी। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने मंगलवार को साफ कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी सैन्य गतिरोध के हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। एलएसी पर चीन ने अपने सैनिकों की संख्या में न ही कोई कमी की है और न ही टकराव की मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि चाहे सर्दी हो या गर्मी एलएसी के अग्रिम मोर्चे से सेना तब तक पीटे नहीं हटेगी जब तक मामला सुलझ नहीं जाता। चीन से लगी पूरी सीमा पर सेना के सतर्क रहने की बात कहते हुए जनरल नरवाने ने यह भी कहा कि चीन-पाक की साठगांठ हमारे लिए वास्तविक खतरा है और इसके मद्देनजर दोहरे मोर्चे के खतरों को लेकर भी सेना रणनीतिक रूप से तैयार है।
जनरल नरवाने ने 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले अपनी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के मौजूदा गतिरोध के हल के लिए आठ राउंड की सैन्य बातचीत के साथ कूटनीतिक पहल हुई है और हमें उम्मीद है कि बातचीत से मामला सुलझ जाएगा। लेकिन जहां तक सेना की बात है तो समूची उत्तरी सीमा पर सेना अलर्ट ही नहीं, किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार है। इतना ही नहीं एलएसी गतिरोध का हल निकलने तक सेना वहां डटी रहेगी इसीलिए पूरे साजोसमान के साथ अग्रिम मोर्चे पर डटे सैनिकों को राशन-पानी, गर्म कपड़ों से लेकर टेंट आदि मुहैया कराए गए हैं।
चीन द्वारा 10 हजार सैनिकों को हटाए जाने की बात पर सेना प्रमुख ने स्पष्ट कहा कि एलएसी पर तैनात सैनिकों की संख्या में कोई बदलाव या कटौती नहीं हुई है। वास्तव में चीन ने तिब्बत इलाके में एलएसी से 500 किलोमीटर दूर सैनिकों को इधर-उधर किया है। जनरल नरवाने कहा कि चीन 500 से 1,500 किलोमीटर दूर सैनिकों को हटाने या तैनात करने का कोई कदम उठाता है तो यह हमारे लिए ज्यादा अर्थ नहीं रखता।
एलएसी के मौजूदा गतिरोध पर सेना प्रमुख ने कहा कि चीनी सैनिक गर्मियों में तिब्बत के इलाके में ट्रेोनग के लिए आते हैं और हमें उनकी पूरी जानकारी थी। लेकिन अचानक उन्होंने यह हरकत की और उनके पास पहले मूव करने का एडवांटेज था। अगस्त में इस गतिरोध के दौरान कई इलाकों में हमने भी फघ्र्स्ट मूवर एडवांटेज बनाई। सरकार का यही निर्देश है कि इन मोर्चो पर हम अपनी पोजीशन पर तब तक डटे रहेंगे जब तक बातचीत से हम अपने राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेते। सेना प्रमुख ने लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश से सटी अपनी सीमा के इलाकों में चीन के ढांचागत निर्माण और सड़कें आदि बनाने की बात भी कही।
चीन-पाकिस्तान के दोहरे फ्रंट की चुनौती के सवाल पर जनरल नरवाने ने कहा कि यह केवल कागज पर लिखे शब्द नहीं हैं बल्कि चीन-पाक की साठगांठ सैन्य और दूसरे मसलों में साफ दिखती है। चीन-पाक की यह साठगांठ हमारे लिए वास्तविक खतरा है और इसीलिए इन दोहरी चुनौतियों का आकलन करते हुए हम संतुलन बनाकर सेनाओं की तैनाती की रणनीति में समयानुकूल बदलाव कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की पाकिस्तान की सरकारी नीति जारी रहने की बात कहते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हमने स्पष्ट कह दिया है कि हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। आतंकवाद के खिलाफ हमारा जीरो टालरेंस है इसलिए ऐसी हरकतों के खिलाफ हम सटीक कार्रवाई करेंगे जिसका दिन, स्थान और समय भी हम ही तय करेंगे।