देहरादून(। शिक्षा विभाग में कई स्तर पर वेतन विसंगति के मामले सामने आ रहे थे। खासतौर पर छठे और सातवें वेतनमान में वरिष्ठ अध्यापक का वेतन कनिष्ठ अध्यापक से कम होने के प्रकरण लगातार सामने आ रहे थे। सरकार ने इस पर स्थिति को स्पष्ट किया है। इसमें अब वरिष्ठ शिक्षक का वेतन कनिष्ठ अध्यापक से कम नहीं होगा। ऐसी स्थिति आने पर वरिष्ठ अध्यापक को भी कनिष्ठ अध्यापक के समान वेतन निर्धारित कर दिया जाएगा। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक को इस बारे में आदेश जारी किए। शिक्षा निदेशालय की ओर से छठे और सातवें वेतनमान में वरिष्ठ अध्यापक का वेतन कनिष्ठ शिक्षक से कम होने के संबंध में दिशा-निर्देश मांगे गए थे। शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया गया अगर शिक्षकों के वेतन निर्धारण में यह स्थिति आती है कि कनिष्ठ शिक्षक का वेतन वरिष्ठ से अधिक हो जाता है तो वरिष्ठ अध्यापक को भी उसी वेतन वृद्धि की तिथि से कनिष्ठ के समान वेतन वृद्धि दी जाएगी। यानी कि दोनों की वेतनवृद्धि की तिथि की गणना एक ही दिन से की जाएगी और वरिष्ठ अध्यापक को कनिष्ठ अध्यापक के समान वेतन मिलने लगेगा। इन पर भी स्थिति की स्पष्ट – वरिष्ठ और कनिष्ठ शिक्षक की सीधी भर्ती का पद एक ही हो तथा वरिष्ठ शिक्षक की सीधी भर्ती के पद पर नियुक्ति कनिष्ठ से पूर्व या समान तिथि को की गई हो। -वरिष्ठ शिक्षक की स्थिति हमेशा कनिष्ठ की अपेक्षा उच्च या समान रही हो। -वरिष्ठ शिक्षक का वेतन किसी प्रशासनिक निर्णय जैसे दंडात्मक आदेश के फलस्वरूप कम न किया गया हो। -कनिष्ठ शिक्षक का वेतन किसी अन्य कारण जैसे वेतन संरक्षण, विशिष्ट योग्यता या पुरस्कार के रूप में स्वीकृत विशेष वेतन वृद्धि के कारण अधिक न हो।