सनसनीखेज़ खुलासा, सीनियर खिलाड़ी करते थे सुरेश रैना की रैगिंग
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज सुरेश रैना इन दिनों एक के बाद एक खुलासे करते जा रहे हैं। पिछले साल इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले सुरेश रैना ने हाल ही में अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘बिलीव’ के माध्यम से एक के बाद एक अपने क्रिके टिंग करियर से जुड़ी बातों को साझा कर रहे हैं।
सुरेश रैना ने ड्रेसिंग रूम और ग्रेग चैपल को लेकर किए कई खुलासे
सुरेश रैना ने पिछले कुछ दिनों में कई बातों का खुलासा किया है। जिसमें उन्होंने पूर्व कोच ग्रैग चैपल से लेकर टीम के सीनियर खिलाड़ी सौरव गांगुली औकर राहुल द्रविड़ तक के बारे में कई बातें बतायी।
इसी तरह से सुरेश रैना ने उनके युवा दौर में भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम के माहौल के बारे में खुलासा किया। सुरेश रैना ने बताया कि उस दौरान टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल कैसा रहता था, और ग्रेग चैपल किस तरह से टीम के साथ रहते थे।
टीम में युवा खिलाड़ियों को लाने का श्रेय ग्रेग को
मिड-डे में छपे अंश के अनुसार सुरेश रैना ने लिखा कि ‘दादा ने जो टीम बनाई उसकी क्रिकेट इतिहास में छाप छोड़ने के लिए काफी तारीफ की जाती है। हालांकि टीम में इतने सारे युवाओं के आने का क्रेडिट ग्रेग को जाता है क्योंकि उन्होंने ही हमें चुनौती का सामना करने के लिए तैयार किया।’
‘उन्होंने और चीफ सेलेक्टर किरण मोरे सर ने इस कदम का समर्थन किया था। ग्रेग टैलेंट खोजने में नंबर वन हैं। वो हमेशा तय करते थे कि युवाओं को भारतीय टीम में उनका श्रेय मिले। और उन्होंने आरपी सिंह, एमएस धोनी, एस श्रीसंत, मुरली कार्तिक और इरफान पठान जैसे खिलाड़ियों को लाने में अहम रोल निभाया। इन खिलाड़ियों ने भारत के लिए काफी कामयाबी हासिल की।’
भारतीय टीम रहती थी परिवार की तरह, कभी-कभी होता था तनाव
रैना ने आगे लिखा कि ‘मेरे समय में भारतीय टीम परिवार की तरह थी। और जैसे हर परिवार में होता है कि वैसे ही कई बार सब लोग एक बात पर सहमत नहीं होते थे। ग्रेग के हमारे कोच रहने के दौरान ड्रेसिंग रूम में तनाव भी रहा था।’
‘राहुल (द्रविड़) भाई बढ़िया कप्तान थे। वो यह तय करते थे कि ड्रेसिंग रूम के मामलों के चलते हमारे प्रदर्शन पर असर नहीं पड़े। इसलिए हम युवा खिलाड़ी इस तरह की स्थिति में मौजूद नहीं रहते थे। जब भी उनकी मीटिंग होती तो हम रनिंग या ट्रेनिंग के लिए चले जाते थे और इस तरह हमें पता नहीं रहता था कि बंद दरवाजों के पीछे क्या हुआ। मेरे हिसाब से ग्रेग कभी गलत नहीं थे। क्योंकि वो हमेशा चाहते थे कि टीम तैयार रहे और उन्होंने कभी किसी की तरफदारी नहीं की।’
सीनियर खिलाड़ी कभी-कभी बनाते मेरा मजाक
सुरेश रैना ने आगे लिखा ‘जब हम हारते थे तब ग्रेग कठोर होते थे लेकिन ज्यादातर ऐसा सीनियर खिलाड़ियों के प्रति ही होते थे। मैं इस बात से सहमत हूं कि उन्हें सचिन और दादा जैसे लोगों का सम्मान करना चाहिए था। एक बार ग्रेग ने मुझे मैच से एक दिन पहले तय समय से पहले प्रेक्टिस पर जाने के लिए कहा।’
‘मुझे याद है कि टीम के सीनियर खिलाड़ियों में से एक ने मेरा मजाक बनाया था और कहा था कि मैं ही हूं जिसे एक्स्ट्रा प्रैक्टिस सेशन मिलते हैं। जैसे कि मैच में केवल में ही खेलने वाला हूं। इस पर मैंने फौरन उनसे मेरे साथ आने को कहा था क्योंकि किसी को चोट पहुंचाने की मेरी कोई मंशा नहीं थी।’