कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप, विनेश बोलीं- वे लड़कियों का यौन शोषण करते हैं
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में कुल 30 पहलवान शामिल हैं। ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले पहलवान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा हैं। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदर्शन में शामिल पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कोच के ऊपर पर महिलाओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों को बृजभूषण शरण सिंह ने निराधार बताया है।
विनेश ने अपने बयान में कहा, श्श्कोच महिला खिलाड़ियों को प्रताड़ित कर रहे हैं और फेडरेशन के चहेते कुछ कोच महिला कोचों के साथ भी बदसलूकी करते हैं। वे लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया है।विनेश फोगाट ने कहा है कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण ने कई लड़कियों का यौन शोषण किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पुरुष कोच भी लड़कियों और महिला कोच का यौन शोषण करते हैं।
जंतर-मंतर पर मौजूद पहलवानों ने कहा, श्श्वे (संघ) हमारे निजी जीवन में भी दखल देते हैं और हमें परेशान करते हैं। वे हमारा शोषण कर रहे हैं। जब हम ओलंपिक में गए थे तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था। जब से हमने आवाज उठाई है, हमें धमकाया जा रहा है।
विनेश फोगाट ने कहा ष्टोक्यो ओलंपिक में हार के बाद डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने मुझे श्खोटा सिक्काश् कहा। डब्ल्यूएफआई ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। मैं हर दिन अपने जीवन को समाप्त करने के बारे में सोचती थी। अगर किसी पहलवान को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की होगी।ष्
भारत के कई दिग्गज पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने राष्ट्रीय महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर तानाशाही के आरोप लगाए हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विश्व चौम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट सहित देश के कई शीर्ष पहलवान शामिल हैं। बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से भाजपा सांसद भी हैं।
अपने प्रदर्शन को लेकर पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा ष्भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पहलवानों को परेशान कर रहा है। जो लोग डब्ल्यूएफआई का हिस्सा हैं उन्हें खेल के बारे में कुछ नहीं पता है। पहलवान कुश्ती महासंघ में चल रही तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करना चाहते।ष्
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने कहा ष्हम भारतीय कुश्ती महासंघ का विरोध कर रहे हैं। हम पहलवान यहां इकट्ठे हुए हैं।
भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा ष्पता नहीं यह किस बारे में है। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को लिखे पत्र से पता चला कि कुछ पहलवान विरोध में बैठे हैं। मैं उनसे उनकी समस्या पूछने आया हूं। एक बार जब वे फेडरेशन में आ जाएंगे तो सारे मसले सुलझ जाएंगे। उन्होंने मुझे अभी तक नहीं बताया कि मामला क्या है। अभी तक मेरे या फेडरेशन के सामने इस तरह का कोई मुद्दा नहीं उठाया गया है।ष्
अपने ऊपर लगे आरोपों पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा,क्या ऐसा कोई खिलाड़ी है जो आकर कह सकता है कि कुश्ती संघ ने उसे प्रताणित किया? क्या उन्हें पिछले दस साल से फेडरेशन से कोई समस्या नहीं थी? ये सारी बातें तब हो रही हैं जबसे नए नियम लागू किए गए हैं। धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद से किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। यौन शोषण की कोई घटना नहीं हुई है। अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा।
उन्होंने कहा, मैं विनेश फोगाट से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने ओलंपिंक में हार के बाद कंपनी की लोगो वाली पोशाक क्यों नहीं पहनी थी? उसके मैच हारने के बाद, मैंने केवल उसे प्रोत्साहित और प्रेरित किया था। यौन शोषण के बहुत बड़ा आरोप है। जब मुझे ही इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कोई कार्रवाई कर सकता हूं? मैं जांच के लिए तैयार हूं।
बृजभूषण बोले- आरोप सही साबित हुए तो फांसी लगा लूंगा, साजिश के पीटे एक बड़े उद्योगपति का हाथ
नई दिल्ली , एजेंसी। भारत के दिग्गज पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुधवार (18 जनवरी) को धरने पर बैठ गए। उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कई कोच पर कई आरोप लगाए। इनमें स्टार पहलवान विशेन फोगाट द्वारा लगाया गया यौन शोषण का आरोप प्रमुख है। अब इस पूरे मामले पर बृजभूषण शरण सिंह ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। बृजभूषण ने कहा कि अगर ये सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने कहा कि पहलवानों के धरने के पीटे एक बड़े उद्योगपति का हाथ है।
अपने ऊपर लगे आरोपों पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, श्श्क्या ऐसा कोई खिलाड़ी है जो आकर कह सकता है कि कुश्ती संघ ने उसे प्रताड़ित किया? क्या उन्हें पिछले दस साल से फेडरेशन से कोई समस्या नहीं थी? ये सारी बातें तब हो रही हैं जबसे नए नियम लागू किए गए हैं। धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद से किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। यौन शोषण की कोई घटना नहीं हुई है। अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा।श्श्
उन्होंने कहा, मैं विनेश फोगाट से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने ओलंपिक में हार के बाद कंपनी की लोगो वाली पोशाक क्यों नहीं पहनी थी? उसके मैच हारने के बाद, मैंने केवल उसे प्रोत्साहित और प्रेरित किया था। यौन शोषण के बहुत बड़ा आरोप है। जब मुझे ही इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कोई कार्रवाई कर सकता हूं? मैं जांच के लिए तैयार हूं।
यौन उत्पीड़न पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, श्श्जब मुझे पता चला कि पहलवान धरने पर बैठे हैं तो मैं तुरंत फ्लाइट का टिकट लेकर दिल्ली पहुंच गया। क्या कोई सामने है कि कह दे कि संघ ने कभी किसी खिलाड़ी का शोषण किया है? क्या कोई मेरे सामने कह सकता है कि मैंने शोषण किया है? यह गलत है। इसमें मुख्य कोच का नाम भी लिया गया है।श्श्
उन्होंने कहा, मैं ये पूछना चाहता हूं कि आप नेशनल में नहीं खेलोगे और आप ओपन-नेशनल में नहीं खेलोगे। उसके बाद यह कहोगे कि ट्रायल भी सिर्फ एक हो। देश के अन्य खिलाड़ी भी एशिया या ओलंपिक स्तर पर खेलना चाहते हैं। जब आपको फेडरेशन से इतनी ही समस्या थी तो आपने 10 सालों में क्यों नहीं बताया?
बृजभूषण ने ओलंपिक ट्रायल को लेकर भी विस्तार से बताया, संघ ने दुनिया के कई देशों के नियमों का अध्ययन करने के बाद एक नियम बनाया। हमने ओलंपिक के बाद ट्रायल का नियम बनाया। किसी को ओलंपिक में जाना है तो उसे देश के अन्य खिलाड़ियों के साथ ट्रायल होगा। जो खिलाड़ी ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुका है, उसका मुकाबला देश में ट्रायल जीतने वाले के साथ होगा। फिर वहां से ओलंपिक के लिए पहलवान का चयन होगा। अगर ओलंपिक कोटा हासिल करने वाला हार जाता है तो उसे फिर एक मौका दिया जाएगा। हम नियम के अनुसार काम कर रहे हैं। तानाशाही की कोई बात ही नहीं। यह मेरा फैसला नहीं, बल्कि अच्टे कोचों और इन खिलाड़ियों से राय लेने के बाद लिया गया है।
बृजभूषण ने आगे कहा, जितने लोग धरने पर बैठे हैं वे ओलंपिक के बाद राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लड़े हैं। ये खिलाड़ी देश के अंदर एक भी प्रतिस्पर्धा में भाग नहीं लिया। इसके बाद हमने यह फैसला किया कि किसी अगर र्केप में आना है तो उसे राष्ट्रीय स्तर पर खेलना होगा। कुछ खिलाड़ियों ने कहा कि हमें इस बारे में पता नहीं था, तो हमने सरकार से बात की और फिर उनका नाम अलग से दिया। जो खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं, वह भी तो ओलंपिक में खेलने का सपना देख रहे हैं।
बृजभूषण ने आगे कहा, श्श्हाल ही में बजरंग और साक्षी मुझसे मिलकर गए थे, लेकिन तब उन्होंने अपनी समस्या के बारे में बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा था कि सबकुछ सही है।