कोरोना की समाप्ति तक जारी रहेगा गांवों में सेवा अभियान
देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के 7 वर्ष पूरे होने के अवसर पर गांवों में सेवा अभियान पूरी तरह से सफल रहा और यह कोरोना की समाप्ति तक जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि सेवा अभियान के तहत 30 मई को सात हजार 10 गावों तक कर्यकर्ताओ ने पहुँचकर लोगों की समस्या सुनी और जरुरतमंदों की सेवा की। शहरी क्षेत्रों के 907 वार्डों में भाजपा पदाधिकारी सेवा कार्यों के लिए पंहुचे। उन्होंने बताया कि इस दौरान 1 लाख 57 हजार 532 मास्क, सेनिटाइजर, 4758 किट, 10 हजार राशन किट, 10500 भोजन किट, 13604 लोगो का थर्मल स्क्रीनिंग किया गया। अभियान में 5762 कार्यकर्ताओं के साथ ही 528 जनप्रतिनिधियों में सांसद, विधायक, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत और प्रधान सहित प्रमुख पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
वहीं, भाजपा युवा मोर्चा ने लक्ष्य से अधिक 2368 यूनिट ब्लड डोनेट कर अस्पतालों को सौंपा। इसमें युवा मोर्चा ने 1932 यूनिट, महिला मोर्चा ने 347 यूनिट तथा अन्य मोर्चो ने 100 यूनिट रक्तदान किया। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में जरुरत और क्षमता के हिसाब से कई कार्यकर्ताओं को ब्लड के लिए मना किया गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके नंबर लेकर उनके दोबारा बुलाने को कहा। युवा मोर्चा इससे पहले भी 1000 यूनिट ब्लड रक्तदान कर चुका है। रक्तदान का अभियान 78 स्थानो पर चला जिसमें 623 कार्यकर्त्ताओं ने भागेदारी की। 45 हॉस्पिटल, ब्लड बैंक में कैंप आयोजित किए गए। जिलों में 35 स्थानों पर कुल मिलाकर मंडल स्तर 78 स्थानों पर रक्तदान का कार्यक्रम हुआ। कौशिक ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और सेवा से सिद्धांत पर कार्य करती रही है। पार्टी वैक्सीनेशन अभियान को लेकर भी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी 45 से अधिक आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है और 18 से 45 वर्ष के लोगों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष लगातार भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रहा है,लेकिन दिसंबर से पहले देश के हर राज्य वैक्सीनैशन पूरा हो जाएगा। जनसंख्या, कोटा और आवश्यक्ता पर आधारित है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना का प्रभाव कम होने पर हर जनपद में फ्रंट लाइन कोरोना वारियर को सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा ऐसे कार्यकर्ता जिन्होंने खुद की परवाह किये बिना कोरोना से जंग लड़ते रहे। उनका अथवा उनके परिजन का कोरोना से निधन हो गया। ऐसे परिवार से मिलने संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी उनके घर जाकर उन्हें ढाढस बंधाएंगे। प्रदेश एवं जिला स्तर पर ऐसे कर्यकर्ताओ के चिह्निकरण के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है।