माता-पिता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची भक्ति : मुकेश चतुर्वेदी

Spread the love

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सिद्धपीठ एकेश्वर महादेव मंदिर में एकेश्वर मंदिर कल्याण समिति की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक आचार्य मुकेश चतुर्वेदी ने कहा कि माता-पिता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है। माता-पिता के आंखों में आंसू आए तो जीवन की साधना व्यर्थ है। माता-पिता के रूप में घर में ही ईश्वर हैं। अगर मानव को ईश्वर की सच्ची भक्ति करनी है तो अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा करते हुए उन्हें हमेशा खुश रखें। उनकी आंखों में अश्रु की एक बूंद भी न आने दें।
मंगलवार को कथा में आचार्य मुकेश चतुर्वेदी ने कहा कि गुण, दोष परिवर्तनीय है लेकिन स्वभाव कभी नहीं बदलता इसलिए माता-पिता की सेवा को अपने स्वभाव में लाएं। कहा कि अपने से बड़ों का दोनों हाथों से पैर छूकर अभिवादन करना चाहिए। ऐसा करने से आयु, विद्या यश और बल में वृद्धि होती है। उन्होंने युवाओं का नशे का सेवन न करने की सलाह देते हुए कहा कि नश से जहां एक ओर व्यक्ति का शरीर खराब होता है, वहीं परिवार भी बर्बाद हो जाता है। नशे के कारण कई परिवार बर्बाद हो गए है। इसलिए किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए। श्री चतुर्वेदी ने श्रोताओं को भगवान शंकर की कथा सुनाई। इस मौके पर मुख्य यजमान दीपक बडोला, प्रेम सिंह रावत, मनोज पंत, पंडित राकेश हिंदवान, कृष्ण कांत, नरेश पसबोला, अंकित बहुखण्डी, हिमांशु बहुखण्डी, सौरभ सिलमाना, मंदिर समित के अध्यक्ष कुलदीप जोशी, हरीश बडोला, तेजपाल पंवार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *