उत्तराखंड

शहीद विनोद सिंह पंचतत्व में विलीन

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ऋषिकेश। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद लांस नायक विनोद सिंह भंडारी बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे अठूरवाला निवासी 33 वर्षीय शहीद लांस नायक विनोद सिंह भंडारी की अंतिम यात्रा ऋषिकेश पहुंची। भद्रकाली होते हुए अंतिम यात्रा पूर्णानंद घाट पर पहुंची। जहां राजकीय सम्मान के साथ पुष्पवर्षा के बीच शहीद विनोद सिंह भंडारी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। घाट पर गमगीन माहौल में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, शहरह विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी, सेना और पुलिस महकमे के अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धाजंलि दी। वहीं आठवीं गढ़वाल राइफल के जवानों ने शहीद को सलामी दी। नम आंखों से चचेरे भाई पंकज भंडारी ने शहीद विनोद सिंह भंडारी को मुखाग्नि दी। अंतिम विदाई में प्रसिद्ध उद्यमी बचन पोखरियाल, एडीएम जय भारत, एसडीएम कुमकुम जोशी, देवेंद्र नेगी, एसपी देहात लोकजीत सिंह, एएसपी जेआर जोशी, तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल, चमन सिंह, नगरपालिका के निवर्तमान अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा, कृषि उत्पादन मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष विनोद कुकरेती, देवेश उनियाल, राकेश मियां, जयेंद्र रमोला, धन सिंह नेगी, शिवकुमार गौतम आदि मौजूद रहे।
बहन सीमा और राखी ने दिया भाई को कंधा
शहीद लांस नायक विनोद सिंह भंडारी का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह एम्स ऋषिकेश से अठूरवाला स्थित घर लाया गया। शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही पत्नी नीमा और मां शशि देवी फफक पड़ीं। बहन सीमा और नीमा भी फूट-फूटकर खूब रोईं। गमगीन माहौल में पिता वीर सिंह भंडारी भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। आसपास के लोगों की आंखें भी सपूत की शहदात पर नम दिखीं। घर से अंतिम यात्रा के दौरान बहन सीमा और राखी ने शहीद भाई विनोद सिंह भंडारी के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। तीसरी बहन नीमा कनाडा में होने के चलते नहीं पहुंच पाईं। शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए घर के बाहर रखा गया। इसी बीच स्थानीय लोगों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम के साथ पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। गढ़वाल राइफल की आठवीं बटालियन के बैंड ने शोका कुल धुन बजाया। बहन सीमा और राखी को रोते हुए देख स्थानीय महिलाओं ने ढांढस भी बंधाया। पूर्व सैनिक पिता वीर सिंह भंडारी हाथों में फूल लिए फफकते दिखे तो बेटी सीमा और राखी ने पिता के पास आकर उन्हें संभाला।

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