शाहीन बाग में धरने के चलते 100 दिन से ज्यादा समय तक बंधक बने रहे लाखों लोग

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों की जिंद्गी को मुश्किलों में डालने वाले शाहीन बाग के धरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थलों पर लंबे समय तक प्रदर्शन नहीं किए जा सकते। एक तय जगह पर ही धरने होने चाहिए। यहां पर बता दें कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 15 दिसंबर से शुरू हुआ धरना प्रदर्शन 100 से दिन से भी अधिक समय तक चला था। वहीं, लोग मानकर चल रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से शाहीन बाग जैसे प्रदर्शन की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़क पर कब्जा कर लिया था। जो नोएडा और दिल्ली के साहिबाबाद से जोड़ती थी। 15 दिसंबर को शुरू हुआ शाहीन बाग का यह प्रदर्शन लोगों की जिंद्गी में जैसे तूफान लेकर आया। 3 महीने से ज्यादा समय तक शाहीन बाग में सड़क रोककर प्रदर्शन हुआ था। इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई थी। जिन लोगों को नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली या फरीदाबाद जाना होता वे सिर्फ मेट्रो का सफर ही कर सकते थे।
शाहीन बाग में चले प्रदर्शन की वजह से स्कूली बच्चों तक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूली बच्चों को भी कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता था। यहां पर बाजार बंद पड़े थे, जिससे छोटे और बड़े दोनों ही तरह के कारोबारियों को बड़ा घाटा सहना पड़ा था। धरनास्थल के आसपास करीब 100 शोरूम बंद थे। जहां रोज करोड़ों का कारोबार होता था। ऐसे में कारोबारियों को अब तक कई करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। नाम न छापने की शर्त कई कारोबारियों ने बताया था कि उन्हें काफी नुकसान हो रहा था, लेकिन प्रदर्शन का विरोध नहीं कर सकते थे। अगर हम अपनी बात रखते भी थे तो प्रदर्शनकारी हमें कौम का गद्दार कहने लगते थे। ऐसे में नुकसान बर्दाश्त करना ही विकल्प था, क्योंकि हमें इन्ही लोगों के बीच में रहना था।

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